मानीकुई में पहले रजत और तीन घंटे बाद आंशिक का मिला शव

जमशेदपुर/चांडिल. चांडिल- कान्ड्रा मार्ग स्थित मानीकुई डाइवर्सन पुल (सुवर्णरेखा नदी के समीप) पुलिस ने पांच घंटों की मशक्कत के बाद डूबे दोनों छात्राें का शव बरामद किया. पुलिस ने पहला शव रजत कामत का मानीकुई डाइवर्सन के समीप पुराने रेल पटरी पर फंसे अवस्था से बरामद किया. वहीं दूसरे छात्र आंशिक का शव तीन घंटे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 10:04 AM
जमशेदपुर/चांडिल. चांडिल- कान्ड्रा मार्ग स्थित मानीकुई डाइवर्सन पुल (सुवर्णरेखा नदी के समीप) पुलिस ने पांच घंटों की मशक्कत के बाद डूबे दोनों छात्राें का शव बरामद किया. पुलिस ने पहला शव रजत कामत का मानीकुई डाइवर्सन के समीप पुराने रेल पटरी पर फंसे अवस्था से बरामद किया. वहीं दूसरे छात्र आंशिक का शव तीन घंटे बाद रजत के डूबने की जगह से करीब तीन सौ मीटर दूर धातकीडीह नदी घाट में मिला. आंशिक का शव नदी के पत्थर के बीच में फंसा हुआ था.

शव को निकालने के लिए चांडिल थाना के थाना प्रभारी आदिकांत महतो, एएसआइ रवींद्र शुक्ला भी शव को निकालने के लिए नदी में उतर गये थे. इस दौरान पुलिस ने स्थानीय तैराक और स्वीपर व चांडिल डैम के गोताखोर का भी सहारा लिया. इसके बाद दोनों को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. शव के काफी देर तक पानी में रहने के कारण दोनों का शव काफी फूल गया था. साथ ही शव से बदबू भी आ रही थी.

बाल-बाल बचे चांडिल थाना के एएसआइ. नदी से जब दूसरे का शव निकालने के लिए ग्रामीण ने पुलिस की मदद नहीं की, तो चांडिल थाना के एएसआइ रवींद्र शुक्ला खुद रस्सी पकड़ कर नदी में उतर गये. श्री शुक्ला को नदी में उतरने के साथ ही सुरक्षा प्रदान करने के लिए थाना प्रभारी आदिकांत महतो भी नदी में उतर गये. उसी दौरान श्री शुक्ला का पैर फिसलने के कारण नदी के बहाव में बहने लगे. इसके बाद थाना प्रभारी आदिकांत ने उन्हें पकड़ कर बचाया. वहीं ज्यादा बहाव होने के कारण पुलिस शव तक नहीं पहुंच पायी. बाद में चांडिल डैम के गोताखोर के आने के बाद आंशिक के शव को बाहर निकाला गया. चांडिल पुलिस के पास नहीं है गोताखोर. चांडिल अनुमंंडल पुलिस के पास एक भी गोताखोर नहीं है. गोताखोर नहीं होने के कारण पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कभी डूबने की सूचना मिलने पर जमशेदपुर या चांडिल डैम के गोताखरों को बुलाना पड़ता है. शव को नदी से निकालने के लिए पुलिस बार-बार ग्रामीणों से सहयोग मांगती है.

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