Jamshedpur News : दलमा में दिसुआ सेंदरा 5 मई को

Jamshedpur News : दलमा बुरू सेंदरा समिति की बैठक में शुक्रवार को दलमा सेंदरा की तारीख पांच मई तय की गयी. दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने दिसुआ सेंदरा वीरों व स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों की उपस्थिति में इसकी घोषणा की.

By Dashmat Soren | April 11, 2025 9:41 PM

Jamshedpur News : दलमा बुरू सेंदरा समिति की बैठक में शुक्रवार को दलमा सेंदरा की तारीख पांच मई तय की गयी. दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने दिसुआ सेंदरा वीरों व स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों की उपस्थिति में इसकी घोषणा की. राकेश हेंब्रम व उनकी पत्नी राधा हेंब्रम ने खजूर पत्ते से पारंपरिक निमंत्रण पत्र (गिरा सकाम) दिसुआ सेंदरा वीरों को वितरित किया. पहला सेंदरा गिरा सकाम देश पारानिक दुर्गाचरण मुर्मू को दिया. राकेश हेंब्रम ने बताया कि सेंदरा में झारखंड के विभिन्न जिलों समेत बंगाल व ओडिशा से सेंदरा वीर शामिल होंगे. उन्हें निमंत्रण पत्र भेजना शुरू कर दिया गया है. सेंदरा वीर घर पर आकर सेंदरा गिरा ले जायेंगे. कहा कि दलमा में बाघ के विचरण की बात कही जा रही है. इसका असर दलमा सेंदरा पर नहीं पड़ेगा. मौके पर धाड़ दिशोम देश परगना दुर्गा चरण मुर्मू, लालसिंह गागराई, धानो मार्डी, लिटा बानसिंह, लखन सामद, बाल्ही मार्डी, रायमुनी, जिरा पूर्ति, गीता पूर्ति आदि मौजूद थे.

सेंदरा गिरा सकाम में बांधा 24 गांठ, हर दिन एक-एक को खोला जायेगा

परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा स्थित दलमा राजा राकेश हेंब्रम के आवास पर सेंदरा की तारीख की घोषणा व गिरा सकाम वितरण को लेकर विशेष तैयारी की गयी थी. शुक्रवार को पहले वन देवी-देवताओं का आह्वान किया गया. पूजा-अर्चना कर उन्हें सेंदरा की तारीख की जानकारी दी गयी. उसके बाद खजूर के पत्ते से पारंपरिक निमंत्रण पत्र को तैयार किया गया. खजूर के पत्ते से बना सेंदरा गिरा में 24 गांठ बांधा गया है. जो शनिवार से एक-एक कर हर दिन खोला जायेगा. इस तरह अंतिम गांठ 5 को खुलेगा. उसी दिन दलमा पहाड़ी पर सेंदरा के लिए चढ़ाई की जायेगी.

अच्छी बारिश व फसल के लिए होती है वन देवी-देवता की पूजा अर्चना

धाड़ दिशोम देश पारानिक सह तालसा गांव के माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू ने बताया कि समाज आदिकाल से सेंदरा की परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं. सेंदरा पर्व का मकसद केवल जंगली पशुओं का शिकार करना मात्र नहीं है. बल्कि सेंदरा पर्व के दौरान वन देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है और उनसे अच्छी बारिश व फसल के लिए प्रार्थना किया जाता है. सेंदरा का अर्थ सघन तलाश करना भी होता है. सेंदरा के दौरान जब सेंदरा बीर अर्थात शिकार घने जंगलों में प्रवेश करते हैं तो वे औषधि पेड़-पौधों को भी खोज तलाश करते हैं. वहीं इस दौरान बीरसिंगराई का आयोजन होता है. जो युवाओं के लिए सामाजिक पाठशाला है. इसमें युवाओं को सामाजिक व पारिवारिक जीवन से संबंधित कई जानकारियां दी जाती है. साथ लोबीरदोरबार का आयोजन होता है. इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक समेत अन्य कई बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जाता है.