मनरेगा नहीं, तो पीएम आवास योजना में श्रमिकों को दें रोजगार

ग्रामीण विकास सचिव अराधना पटनायक और मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सभी जिलों के डीडीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विभिन्न योजनाओं के तहत जल्द काम शुरू कर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.

By Prabhat Khabar | August 1, 2020 1:14 AM

रांची : ग्रामीण विकास सचिव अराधना पटनायक और मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सभी जिलों के डीडीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विभिन्न योजनाओं के तहत जल्द काम शुरू कर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. कहा कि राज्य के और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है. मनरेगाकर्मियों की हड़ताल से प्रवासी मजदूरों को रोजगार में दिक्कत नहीं होनी चाहिए. जहां-जहां मनरेगाकर्मी हड़ताल पर हैं, वहां काम के लिए इच्छुक मजदूरों को प्रधानमंत्री आवास योजना में रोजगार मिलना चाहिए.

सचिव ने सभी बीडीओ को अविलंब मास्टर रोल को एमआइएस में अपडेट करने का निर्देश दिया. मनरेगा योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने मनरेगाकर्मियों की हड़ताल पर जाने से हो रही समस्याओं की जानकारी ली. जिलों में मनरेगा से संचालित गांववार योजनाओं की रिपोर्ट ली. योजनाओं का संचालन नहीं किये जा रहे गांवों में प्राथमिकता के आधार पर योजना संचालित करने का निर्देश दिया.

कहा है कि मनरेगा से संचालित योजनाएं किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिए. प्रखंड,पंचायत या गांव में योजनाओं के बंद पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मियों पर जबावदेही तय कर कार्रवाई की जायेगी. अधिक से अधिक योजनाएं संचालित कर मनरेगा के तहत रोजगार सृजन किया जाये. वीडियो कांफ्रेंसिंग में विशेष कार्य पदाधिकारी बैजनाथ राम, एमआइएस नोडल ऑफिसर पंकज राणा, स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर शिव शंकर व अन्य शामिल हुए.

खूंटी में मनरेगा के कार्यों की हुई सराहना

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान खूंटी में मनरेगा के तहत किये जा रहे कार्यों की सराहना की गयी. खूंटी में गुनी ग्राम के लोगों ने मिल कर कुल 350 एकड़ भूमि में मिट्टी एवं जल प्रबंधन कार्य किया है. ग्रामीणों ने 50 एकड़ में अतिरिक्त खेती की है. पहले एक फसल उगाने वाले गांव में अब तीन फसल उगायी जा रही है.

वहां बिरसा हरित ग्राम योजना की मदद से ग्रामीणों ने पांच एकड़ में आम बागवानी का गड्ढा तैयार किया है. यह सभी कार्य ग्रामीणों ने लॉकडाउन के तीन महीनोें में पूरा किया है. इसके अलावा नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत भी वहां टीसीबी एवं मेड़ बंदी कार्य शुरू किया गया है.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version