Valentine Day 2021 : झारखंड के नेत्रहीन छोटू ठाकुर को मिला नि:शक्त निर्मला कुमारी के प्रेम का संबल, पढ़िए फिर कैसे इन दिव्यांगों की जिंदगी बन गयी हसीन

Valentine Day 2021, Jharkhand News, बड़कागांव (संजय सागर) : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान अजहरूद्दीन और सौरभ गांगुली के हाथों सम्मानित होने वाले झारखंड के हजारीबाग के बड़कागांव के नेत्रहीन क्रिकेट खिलाड़ी छोटू कुमार ठाकुर और समाजसेवी नि:शक्त निर्मला कुमारी की प्रेम कहानी काफी प्रेरणादायक है. अंतरजातीय, दहेज कुप्रथा के खिलाफ और जीवन में सफलता के बाद भी प्रेम को महत्व देकर जीवन संगिनी बनानेवाली जोड़ी के रूप में इनकी पहचान है. तीन नवंबर 2014 को दोनों परिणय सूत्र में बंधे. आठ साल से एक दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाने एवं सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की दिशा में ये प्रेमी युगल तत्पर है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2021 12:29 PM

Valentine Day 2021, Jharkhand News, बड़कागांव (संजय सागर) : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान अजहरूद्दीन और सौरभ गांगुली के हाथों सम्मानित होने वाले झारखंड के हजारीबाग के बड़कागांव के नेत्रहीन क्रिकेट खिलाड़ी छोटू कुमार ठाकुर और समाजसेवी नि:शक्त निर्मला कुमारी की प्रेम कहानी काफी प्रेरणादायक है. अंतरजातीय, दहेज कुप्रथा के खिलाफ और जीवन में सफलता के बाद भी प्रेम को महत्व देकर जीवन संगिनी बनानेवाली जोड़ी के रूप में इनकी पहचान है. तीन नवंबर 2014 को दोनों परिणय सूत्र में बंधे. आठ साल से एक दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाने एवं सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की दिशा में ये प्रेमी युगल तत्पर है.

हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड चौक के रहनेवाले छोटू कुमार ठाकुर (पिता महेंद्र ठाकुर) और लोहरदगा की निर्मला कुमारी की पहली मुलाकात रांची में 2013 में हुई थी. नवभारत जागृति केंद्र की ओर से मानव विकास को लेकर बैठक हुई थी. इसमें नेत्रहीन छोटू कुमार ठाकुर और निर्मला कुमारी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे. दोनों ने एक दूसरे से कई विषयों पर बातचीत की. इसी संस्था की दूसरी बैठक एक माह बाद बोकारो में हुई. फिर दोनों की मुलाकात और आपस में बातचीत आगे बढ़ी. दोनों एक दूसरे की बातों और सोच से इतना प्रभावित हुए कि एक साथ रहने की इच्छा जाहिर की.

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विकलांग मंच के सचिव नरेंद्र सिंह ने दोनों के बीच शादी कराने में मध्यस्थता की. दोनों के परिवार में विवाह का प्रस्ताव जाते ही जाति और दहेज का मामला सामने आ गया, लेकिन दोनों प्रेमी युगल ने अपने-अपने परिवार को राजी कर लिया. हंसी खुशी व पारंपरिक तरीके से हजारीबाग के पंच मंदिर में शादी हो गयी. फिलहाल दोनों चिकन का व्यवसाय कर रहे हैं. विशेष परिस्थितियों में अगर नेत्रहीन छोटू कुमार ठाकुर को दिखाई नहीं देती है तो इनकी पत्नी निर्मला देवी हर जगह इनके साथ होती हैं और यदि इनकी पत्नी को चलने फिरने में कभी दिक्कत होती है, तो छोटू ठाकुर हर जगह इनके साथ रहते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं

छोटू कुमार ठाकुर नेत्रहीन क्रिकेट टीम में बैटिंग व बॉलिंग के साथ ऑल राउंडर खिलाड़ी रहे हैं. झारखंड टीम से 17 मैच विभिन्न राज्यों में जाकर खेल चुके हैं. ये पांचवीं तक पढ़े हैं. निर्मला कुमारी ग्राम स्वराज संस्थान से जुड़ कर महिलाओं को जागरूक करने का काम करती थीं. स्नातक तक पढ़ाई पूरी की हैं. फिलहाल दोनों बड़कागांव में रह रहे हैं.

वेलेंटाइन डे पर छोटू कुमार ठाकुर ने कहा कि जीवन में संघर्ष से घबराना नहीं चाहिए. मां, पिता और बड़े भाई का निधन होने से बालकाल में ही अनाथ हो गया था. क्रिकेट खेलते हुए जीवन में नया मुकाम मिला. कई अवार्ड मिले, लेकिन अपनी प्रेमिका निर्मला कुमारी से रिश्ता जुड़ते ही जीवन जीने की नई उमंग आ गयी. इस दिन संघर्ष से प्रेम को हासिल करने की सफलता को याद करना चाहिए. निर्मला कुमारी ने बताया कि एक दूसरे को सहारा देने से जीवन सफल होता है. हमारे प्रेम को इस रूप में याद किया जाए.

बड़कागांव प्रखंड में बादम निवासी गौतम कुमार एवं सुमन गुप्ता ने अंतरजातीय विवाह किया है. इन दोनों की दोस्ती और प्यार छठी जेपीएससी की तैयारी करने वक्त हुई. दोनों मिलकर जेपीएससी की तैयारी की और दोनों सफल हुए. छठी जेपीएससी 2020 में इन दोनों की जोड़ी काफी चर्चित रही. गौतम कुमार फिलहाल रांची में प्रशिक्षु सीओ हैं, जबकि उनकी पत्नी पत्नी प्रशिक्षु बीडीओ हैं. इनके अलावा बरका गांव निवासी अभिषेक कुमार व जमशेदपुर निवासी गुड़िया कुमारी कुशवाहा, बड़कागांव निवासी दीपक कुमार व प्रमिला कुमारी, मनीष कुमार व सुमन कुमारी समेत प्रखंड में कई युवक-युवतियों ने प्रेम विवाह कर जात-पात एवं दहेज कुप्रथा को खत्म करने की दिशा में अहम भूमिका अदा की है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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