राज्यपाल रमेश बैस बोले- विकल्प के रूप में सामने आया ऑनलाइन शिक्षा, टीचर्स के बिना क्वालिटी एजुकेशन अधूरा

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने हजारीबाग के विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के नवनिर्मित बहुद्देश्यीय भवन एवं डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र के विकास में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. बिना शिक्षक के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधूरी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2021 9:15 PM

Jharkhand News (हजारीबाग) : झारखंड के हजारीबाग पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि जबसे झारखंड आया हूं, मैंने विकास की यहां असीम संभावनाएं देखी हैं. मैं जहां भी रहा हूं, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए कार्य किया हूं. अगर दोनों क्षेत्रों में विकास कार्य हो, तो प्रदेश का विकास नहीं रोका जा सकता. झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का पता चला है. अगर शिक्षक नहीं मिले, तो शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार कैसे होगा. इसके लिए शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. उक्त बातें झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने बुधवार को बतौर मुख्य अतिथि विनोबा भावे यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित उद्घाटन समारोह में कही.

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विनोवा भावे विश्वविद्यालय के नवनिर्मित बहुद्देश्यीय भवन एवं डिजिटल स्टूडियो के उद्घाटन मौक पर राज्यपाल रमेश बैस हजारीबाग पहुंचे थे. उन्होंने विवेकानंद सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के विकास में जो हो सकेगा, राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से सहयोग मांगेंगे और विकास करेंगे. मैं झारखंड में हूं, झारखंड मेरा घर है.

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राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र के विकास में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. शिक्षक समाज में अनुकरणीय व्यवहार स्थापित करें. उनको शिक्षा के लिए समर्पित होना होगा. विद्यार्थियों में काफी कौशल की प्रतिभा होती है. इन्हें दायित्वों का बोध दिलाने का कार्य शिक्षक करें. शिक्षा सही लोगों में जागरूकता आती है. विसिंगितयां दूर होती हैं.

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उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिक्षा पर संकट आया है. लेकिन इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा विकल्प के रूप में सामने आया. विनोबा भावे विश्वविद्यालय का डिजिटल स्टूडियो विद्यार्थियों को अवसर देगा. यू-ट्यूब के माध्यम से इसका लाभ वैश्विक स्तर पर मिलेगा. इंडोर गेम एंव फिजियोथेरेपी होने से आसपास के पीड़ितों को सेवा का लाभ मिलेगा. विज्ञान एवं कला के समन्वय से सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का भी संरक्षण होगा.

विभावि में जलवायु परिवर्तन पर रिसर्च होना चाहिए : जयंत सिन्हा

हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि हजारीबाग की पहचान प्राकृतिक सौंदर्य से है. अब इसकी पहचान कोयला एवं शिक्षा के क्षेत्र से हो रही है. वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन बहुत बड़ी चुनौती है. विभावि में जलवायु परिवर्तन पर रिसर्च होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग में शिक्षकों की कमी है. इस संबंध में राज्यपाल से सहयोग मांगा. विभावि झारखंड का टॉप विश्वविद्यालय है इससे साधन संपन्न करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं . डिजिटल स्टूडियो के होने से दूर-दराज गांव के विद्यार्थी भी इससे जुड़ सकेंगे. उन्होंने विश्विविद्यालय में बन रहे सेंटर फॉर ट्राइबल स्टडी की चर्चा करते हुए कहा कि इसके बनने से यहां की जनजातीय कला एवं संस्कृति को संरक्षित किया जायेगा. जो पूरे क्षेत्र के लिए मिल का पत्थर साबित होगा.

ट्राइबल स्टडी सेंटर में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू होगी : कुलपति

स्वागत भाषण देते हुए कुलपति प्रो मुकुंद नारायण देव ने विभावि के संबंध में होनेवाले विकास कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने राज्यपाल के सामने विभावि के स्थापना काल से पीजी विभाग में पद सृजन न होने एवं शिक्षकों के वेतन निर्धारण की समस्या को रखा. उन्होंने 13 करोड़ की लागत से सेंटर फॉर ट्राइबल स्टडी की जानकारी दी. कहा कि इससे बनने से जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. मंच संचालन डॉ जोनी रूफिना तिर्की एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रो अजीत कुमार सिन्हा ने किया.

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Posted By : Samir Ranjan.

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