गृहरक्षक के भरोसे हजारीबाग की ट्रैफिक व्यवस्था
शहर की यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. यहां ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं रखने वाले गृहरक्षकों से काम लिया जा रहा है.
हजारीबाग. शहर की यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. यहां ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं रखने वाले गृहरक्षकों से काम लिया जा रहा है. शहर के विभिन्न चौक-चौराहों और एंट्री प्वाइंट पर 165 गृहरक्षकों की तैनाती की गयी है, जिनमें से 135 केवल एंट्री प्वाइंट पर हैं. इसके अतिरिक्त, बरही, बड़कागांव और अन्य प्रखंडों में 30 गृहरक्षक लगाये गये हैं. यातायात व्यवस्था में जिला पुलिस बल के केवल 21 पदाधिकारी और हवलदार ही तैनात हैं.
नियमानुसार पदाधिकारी नहीं
हजारीबाग में ट्रैफिक नियमों के अनुसार स्थायी डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी नहीं हैं. ट्रैफिक प्रभारी का पद इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी का होता है, लेकिन यहां एक सब-इंस्पेक्टर को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है. वहीं, सीसीएआर डीएसपी को ट्रैफिक डीएसपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
संसाधनों का अभाव
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था संसाधनों की भारी कमी से जूझ रही है. किसी भी चौक-चौराहे पर ट्रैफिक लाइट या सिग्नल नहीं है. अधिकांश चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग भी नहीं बनी है. शहर के चौक-चौराहों पर लगे ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं. हालांकि, प्रभारी ट्रैफिक डीएसपी ने जिला प्रशासन और नगर निगम को नए सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव भेजा है. प्रभारी डीएसपी मनोज कुमार सिंह का दावा है कि हजारीबाग में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है और गृहरक्षकों की तैनाती से सुधार हुआ है. उन्होंने शहरी क्षेत्र में यातायात संबंधी कमियों को जल्द दूर करने की बात भी कही है.
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