महिलाओं को रोजी-रोटी की व्यवस्था करने वाला प्रतिनिधि पसंद

हजारीबाग जिले में लोकसभा का चुनाव 20 अप्रैल को है. महिलाओं ने चुनावी मुद्दे में रोजी-रोटी और रोजगार को आवश्यक बताया.

By Prabhat Khabar Print | May 14, 2024 4:30 PM

सांसद कैसा हो के सवाल पर महिलाओं ने खुलकर रखी अपनी बात

मान-सम्मान, सुरक्षा और बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने वाले को करेंगे वोट

कटकमसांडी.

हजारीबाग जिले में लोकसभा का चुनाव 20 अप्रैल को है. महिलाओं ने चुनावी मुद्दे में रोजी-रोटी और रोजगार को आवश्यक बताया. महिलाओं को रोजी-रोटी की व्यवस्था करने वाला प्रतिनिधि पसंद है. उन्होंने इस संबंध में विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय बतायी. ज्योति कुमारी ने कहा कि दो दशक से वोट दे रही हूं. लेकिन महिलाओं के मान-सम्मान और रोजगार के संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया. पढ़-लिखकर महिलाएं घर में बैठी रहती हैं. यदि रोजगार का साधन उनको मुहैया कराया जाता तो वह आत्मनिर्भर होतीं. अंंजू देवी ने कहा कि रोजगार के अभाव में कटकमसांडी, बहिमर, बरगड्डा, नावाडीह सहित अन्य गांवों से लोग रोजी-रोटी के पलायान करते हैं. पति बाहर दूसरे राज्य में जाकर काम करते हैं. वहां मेहनत-मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करने को विवश हैं. झारखंड में रोजगार मिलता तो युवाओं का पलायन रूक जाता. घर में मां-बाप के साथ रहते. मधुरानी ने कहा कि हजारीबाग में रोजगार नहीं रहने के कारण हमारे गांव के बच्चे पढ़ लिखकर बेरोजगार बैठे हुए हैं. बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने वाले जन प्रतिनिधि हो.

कृषि प्रधान प्रखंड को मिले सिंचाई की सुविधा

वीणा देवी ने कहा कि कटकमसांडी कृषि प्रधान प्रखंड है. अधिकांश लोग खेती-बारी कर जीविकोपार्जन करते हैं. खेतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. यदि पानी की सुविधा होती तो किसान सालों भर फसल उगाते. अच्छी आमदनी होती. सपरिवार खुशहाल रहते. पिंकी राणा ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बने 23 साल होने चला है. लेकिन लोग आज भी पुरानी परंपरा को ढोने को विवश हैं. अशिक्षा अभी तक समाज व्याप्त है. क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है. रोजगार के साधन होने से युवा लाभान्वित होते. सोनी कुमारी ने कहा कि जब तक पढ़ा लिखा व्यक्ति या आम लोगों के बारे में सोचनेवाला सांसद या विधायक नहीं होंगे, तब तक स्थिति में बदलाव नहीं हो होगा. पांच साल में एक बार जनप्रतिनिधि चुनने का मौका मिलता है, हम उसे सोच समझकर ही वोट देंगे. हमारी समस्याओं को संवेदनशील हाेकर सोचनेवाले व्यक्ति ही हमारा प्रतिनिधि कहला सकता है.

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