कृषि बिल के खिलाफ भारत बंद, हजारीबाग में वामदलों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

संसद से पारित तीन कृषि विधेयकों की मुखालफत के लिए बुलाये गये भारत बंद के दौरान हजारीबाग में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. केंद्र सरकार की इस नीति को मजदूर एवं किसान विरोधी करार देते हुए वामपंथियों ने बंद का समर्थन किया.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2020 7:57 PM

हजारीबाग (शंकर प्रसाद) : संसद से पारित तीन कृषि विधेयकों की मुखालफत के लिए बुलाये गये भारत बंद के दौरान हजारीबाग में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. केंद्र सरकार की इस नीति को मजदूर एवं किसान विरोधी करार देते हुए वामपंथियों ने बंद का समर्थन किया.

प्रतिवाद मार्च धरना स्थल से निकलकर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड चौक से होते हुए इंद्रपुरी चौक पर समाप्त हुआ. इसमें सभी वामपंथी पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए. पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार एक के बाद एक कानून लाकर लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है.

उन्होंने कहा कि मजदूर और किसानों के खिलाफ विधेयक पारित किये गये हैं. इसका सभी विपक्षी दलों के साथ वाम मोर्चा भी इसका विरोध करता है. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में जिस तरह से तीन बिल राज्यसभा से पारित हुए, वैसा लोकतंत्र के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. श्री मेहता ने कहा कि भाजपा ने राज्यसभा में अल्पमत में होते हुए छल से बिल को पारित कराया. विपक्ष के मत विभाजन की मांग को ठुकरा दिया गया.

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सीपीएम के गणेश कुमार सीटू ने कहा कि किसानों की उपज के बड़े हिस्से का फायदा कॉरपोरेट व बड़े घरानों को पहुंचाने के लिए यह बिल लाया गया है. किसान अपनी पूंजी और मेहनत लगाकर फसल उपजायेंगे और उसका फायदा कॉरपोरेट घराने उठायेंगे. बिल में इसका पूरा इंतजाम सरकार ने कर दिया है. यही कारण है देश भर के किसान इसका विरोध कर रहे हैं. सड़कों पर उतरे हैं.

प्रतिवाद मार्च में लक्ष्मी नारायण सिंह, महेंद्र राम, भुनेश्वर महतो, सुदेशी पासवान, विजय मिश्रा, नागेश्वर रजक, चांद खान, डॉ मिथिलेश दांगी, विपिन कुमार सिन्हा, मुश्ताक हसन, मो हकीम, मूलचंद प्रसाद मेहता, बालेश्वर मेहता, निर्मल महतो, जितन रजक, ईश्वर महतो, सुखदेव रजक, कुंजीलाल साव, सुजीत साव सहित पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

छात्र संगठन एआइडीएसओ ने बिल के विरोध में और किसानों के समर्थन में अन्नदा चौक पर इकट्ठा होकर नारे लगाये. इन लोगों ने विधेयक के प्रारूप को जलाकर अपने आक्रोश का इजहार किया. आशीष कुमार ने कहा कि आज देश के हालात बदतर हैं. आर्थिक मामले में देश पिछड़ता जा रहा है. रोजगार के मामले में युवा सड़कों पर हैं.

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उन्होंने कहा कि महंगाई और शोषण से आम जनता त्राहिमाम कर रही है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी बिल लाकर कृषि क्षेत्र को चंद निजी घरानों के हाथों सौंपने की साजिश है. प्रतिवाद में जिला अध्यक्ष जीवन यादव, उपाध्यक्ष पूजा कुमारी, महिला संगठन की जिला अध्यक्ष निर्मला कुमारी, ज्ञानचंद कुमार, राहुल कुमार, सचिन कुमार व अन्य शामिल रहे.

Posted By : Mithilesh Jha

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