हजारीबाग : पहले जाति व धर्म कोई मुद्दा ही नहीं था : अर्जुन पांडेय

हजारीबाग : चौपारण प्रखंड के ग्राम ठुठी निवासी 81 वर्षीय अर्जुन पांडेय कहते हैं : पहले गांव के चौपाल में उम्मीदवारों के नाम की चर्चा होती थी. चौपाल में लिये गये निर्णय के हिसाब से लोग किसी भी दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करते थे. बूथ कोई हल्ला हंगामा नहीं होता था. उस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2019 6:14 AM
हजारीबाग : चौपारण प्रखंड के ग्राम ठुठी निवासी 81 वर्षीय अर्जुन पांडेय कहते हैं : पहले गांव के चौपाल में उम्मीदवारों के नाम की चर्चा होती थी. चौपाल में लिये गये निर्णय के हिसाब से लोग किसी भी दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करते थे. बूथ कोई हल्ला हंगामा नहीं होता था. उस जमाने में वोटरों की खरीद-बिक्री नहीं होती थी.
नेता दल-बदलू नहीं होते थे. क्षेत्र के प्रति उनकी वफादारी होती थी. पहले दो, चार या दस गांवों को मिला कर एक बूथ हुआ करता था. वोटर कतार में लग कर मतदान करते थे. बूथों की सुरक्षा गांव का चौकीदार ही करता था. मतदानकर्मी बूथों पर आते और चुनाव करा चले जाते. मतदानकर्मियों को गांव के लोग घर में बना खाना भी खिलाया करते थे. न बूथ लुटता था और न ही बूथ पर कब्जा होता था.
जाति, धर्म, संप्रदाय कोई मुद्दा ही नहीं था. वह कहते हैं : 20 साल की उम्र में मैंने अपना पहला मतदान किया था. उसके लिए अपने गांव से दो-ढाई किमी दूर पैदल चल कर लोहड़ी गांव गया था. प्रत्याशी चुनाव के समय सभी गांव तक वोट मांगने के लिए भी नहीं पहुंच पाते थे. अब तो लोगो को काफी सुविधा है. उनके घर के बगल में बूथ है. वोट देकर देश के निर्माण में अपना योगदान करे. किसी के बहकावे में वोट हरगिज न दें.

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