कोलकाता : चीनी महावाणिज्य दूत ने भारत को बताया ‘उभरती अर्थव्यवस्था’

कोलकाता : कोलकाता में चीनी महावाणिज्य दूत मा झानवू ने भारत को ‘उभरती हुई अर्थव्यवस्था’ बताते हुए बुधवार को कहा कि उनका देश पड़ोसियों के साथ मजबूत रिश्ते बरकरार रखना चाहता है. बेल्ट और रोड परियोजना (बीआरआइ) के चीन द्वारा दुनिया या अपने पड़ोसियों को जीतने की योजना नहीं बनाये जाने पर जोर देते हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 12, 2018 5:40 PM

कोलकाता : कोलकाता में चीनी महावाणिज्य दूत मा झानवू ने भारत को ‘उभरती हुई अर्थव्यवस्था’ बताते हुए बुधवार को कहा कि उनका देश पड़ोसियों के साथ मजबूत रिश्ते बरकरार रखना चाहता है.

बेल्ट और रोड परियोजना (बीआरआइ) के चीन द्वारा दुनिया या अपने पड़ोसियों को जीतने की योजना नहीं बनाये जाने पर जोर देते हुए श्री झानवू ने कहा कि यह परियोजना परामर्श और चर्चा के जरिये ‘साझा फायदों और विकास’ के बारे में है. श्री झानवु ने ऑबजर्बर रिसर्च फाउंडेशन व कोलकाता स्थित चीन के महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित थिंक टैंक कांफ्रेंस के अवसर पर आयोजित परिचर्चा के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ये बातें कहीं.

चीनी महावाणिज्य दूत ने कहा, भारत और रूस अहम शक्तियां चीन के पड़ोसी हैं. हमारा देश पड़ोसियों के साथ मजबूत रिश्ते चाहता है. भारतीय मुद्रा के हालिया अवमूल्यन के बारे में श्री झानवू ने कहा, पिछले कुछ दिनों में रुपये का जरूर अवमूल्यन हुआ है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को पलटा नहीं जा सकता.

उन्होंने कहा कि दुनिया चीन, भारत और अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका में दूसरे विकासशील देशों के उदय को देख रही है. श्री झानवू ने हालांकि अमेरिका में व्यापार संरक्षण नीति को ‘नकारात्मक गतिविधि’ करार दिया. उन्होंने यहां चीन और पूर्वी भारत के बीच संपर्क और व्यापारिक रिश्तों पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा : समावेशी विकास के लिये हमें एक दूसरे के साथ सहयोग की जरूरत है. हर भारतीय राज्य यह समझ चुका है कि उसे अपने लोगों के लिये नौकरियां पैदा करने और आगे बढ़ने की जरूरत है.

श्री झानवु ने पूर्वी भारत के पांच राज्यों में चीनी निवेश को लेकर आयोजित सत्र में कहा कि चीन पूर्वी भारत के राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि के साथ निवेश को लेकर लगातार बातचीत कर रहा है. इन राज्यों के कुछ मुख्यमंत्रियों ने चीन का दौरा भी किया है. चीनी प्रतिनिधिमंडल भी इन राज्यों में आये हैं तथा इस बाबत प्रयास जारी है, लेकिन अभी तक आशातीत सफलता नहीं मिली है.

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