अब हम जंग तलवार से नहीं, शिक्षा से लड़ेंगे : चमरा लिंडा
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती व झारखंड राज्य स्थापना रजत जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
गुमला. अब हम जंग तलवार से नहीं, शिक्षा से लड़ेंगे. हमारे पूर्वजों ने अपनी आजादी के लिए हथियार से जंग लड़ हमें आजादी दिलायी. अब हम आजाद तो हैं, लेकिन काफी पिछड़े हुए हैं. कई जगहों पर शोषण व अत्याचार का शिकार होना पड़ता है, जिसका मुख्य कारण अशिक्षा व इससे जागरूकता की कमी होना है. लेकिन यदि हम शिक्षित रहेंगे, तो अपने अधिकारों को जान उसे पा सकेंगे. उक्त बातें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग झारखंड सरकार के मंत्री चमरा लिंडा ने शनिवार को गुमला में कही. वे भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना रजत जयंती पर जिला प्रशासन गुमला द्वारा नगर भवन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम सह परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. मंत्री चमरा लिंडा ने भगवान बिरसा मुंडा, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हू, तेलंगा खड़िया को नमन करते हुए कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की नेतृत्व में झारखंड में शिक्षा पर विशेष काम किया जा रहा है. हमारे बच्चों को आइआइटी व यूपीएससी की नि:शुल्क पढ़ाई कराने की तैयारी चल रही है. हम अपने बच्चों को दिल्ली तक ले जाकर पढ़ाई करायेंगे. इसके लिए दिल्ली में जमीन लेने की बात चल रही है और आनेवाले समय में हमारे बच्चों को पढ़ने के लिए इंग्लैंड व अमेरिका तक भेजा जायेगा. इसमें होने वाले खर्च राज्य सरकार वहन करेगी, ताकि हमारे बच्चे भी सिविल सेवा में जा सके. मंत्री ने कहा कि आज का दिन संकल्प लें कि शिक्षा को बढ़ावा देंगे. शिक्षा के प्रति जागरूक रहेंगे और बच्चों को उच्च से उच्च शिक्षा दिलाने का काम करेंगे. मंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी, जमींदारी प्रथा, अंग्रेजी हुकूमत और उनके शोषण व अत्याचार और अंग्रेजी हुकूमत से आजादी पाने के लिए भगवान बिरसा मुंडा, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हू व तेलंगा खड़िया जैसे वीरों द्वारा लड़ी गयी जंग पर विस्तार से अपनी बात रखी और राज्यवासियों को ऐसे वीरों को सम्मान देने के लिए प्रेरित किया.
सोना झारखंड को हीरा झारखंड बनाने का संकल्प लें : डीसी
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के दिन संकल्प लें कि हमारा सोना झारखंड को हीरा झारखंड बनायेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें झारखंड से काफी लगाव है. उन्होंने कहा कि जब वे सिविल सेवा में आने की तैयारी कर रही थी, तब से ही झारखंड में काम करने की इच्छा रही है, विशेषकर वन विभाग में. उन्होंने कहा कि वे हजारीबाग में वन पदाधिकारी के रूप में कार्य कर चुकी हैं. लेकिन वहां कार्य के दौरान आदिवासी समाज की अशिक्षा व स्थिति को देखते हुए उनके लिए काम करने की लालसा जागी. उन्होंने कहा कि आज वे गुमला में डीसी के पद पर कार्यरत हैं. यहां उनके द्वारा आदिवासी समाज के उत्थान व विकास में काम करने का अवसर मिला है. कहा कि यहां और भी कई प्रकार की समस्याएं हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए आयुष्मान कार्ड, सिकल सेल एनीमिया जांच, विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र, भूमि विवाद जैसे विषयों पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है.झारखंडी कला, संस्कृति व वेशभूषा से ओतप्रोत रहा कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रम सह परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम झारखंड की कला, संस्कृति व वेशभूषा से ओतप्रोत रहा. कार्यक्रम में खुशमन नायक कला दल द्वारा लोक गीत प्रस्तुति दी गयी. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पारंपरिक गीत-नृत्य की प्रस्तुति दी. ज्योति कला द्वारा कलश नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी. कार्यक्रम में एसपी हरिश बिन जमां, डीएफओ अहमद बेलाल अनवर, डीडीसी दिलेश्वर महतो, एसी शशिंद्र कुमार बड़ाइक, सदर एसडीओ राजीव नीरज, बसिया एसडीओ जयंती देवगम, एलआरडीसी राजीव कुमार, डीएफओ (फिशरी) कुसुमलता, डीएओ शुभम प्रिया तियु, एससीओ आशीष प्रताप, डीएचओ तमन्ना परवीन, डीएएचओ डॉ अरुण कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
