पेयजल के लिए अब ग्रामीणों का बना सहारा डब्बा वाला पानी
सोलर जलमीनार 15वें वित्त से करीब सात वर्ष पूर्व करीब तीन लाख की लागत से बना था
मेहरमा प्रखंड के गझंडा पंचायत के तेतरिया गांव के मुख्य मार्ग में लगा सोलर जलमीनार करीब चार वर्ष से खराब पड़ा है. सोलर जलमीनार खराब होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल के लिए डब्बा वाला पानी सहारा बना हुआ है. यह सोलर जलमीनार 15वें वित्त से करीब सात वर्ष पूर्व करीब तीन लाख की लागत से बना था. सोलर जलमीनार बनने से सड़क के किनारे बसे ग्रामीणों को ही नहीं, बल्कि आने-जाने वाले राहगीर भी पानी पीकर प्यास बुझाते थे. जलमीनार लगने के कारण ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मिल पा रहा था, जिससे काफी खुशी थी. मगर कुछ वर्ष से जलमीनार खराब हो जाने के कारण न सिर्फ ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि आने-जाने वाले राहगीर को भी परेशानी हो रही है.
प्रत्येक वर्ष गर्मी में पेयजल के लिए होती है परेशानी
बताते चलें कि इस गांव में प्रत्येक वर्ष गर्मी के समय पेयजल के लिए काफी परेशानी होती है. गांव में लगा चापाकल भी सुख जाता है. चापाकल सूखने के कारण ग्रामीणों को दूसरे के घर में लगे चापाकल व पेयजल कूप ही उनका सहारा है. सोलर जलमीनार लगने के कारण ग्रामीणों में काफी खुशी थी कि अब दूसरे के घर में पानी के लिए नहीं जाना पड़ेगा. मगर कुछ वर्ष से जलमीनार खराब होने के कारण ग्रामीणों के चेहरे का मुस्कान छीन गया. अब ग्रामीणों के पेयजल महंगे दाम पर डब्बे का पानी खरीद अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीण मो शहवाज, मो छोटू, मो इलियास, मो कामरान, मो जावेद, मो युनूस ने वरीय पदाधिकारी से सोलर जलमीनार ठीक कराने की मांग की है .क्या कहते हैं मुखिया
सोलर जलमीनार को ठीक कराया गया था मगर पानी का लेयर कम होने के कारण पुनः खराब हो गया वरीय पदाधिकारी से ठीक कराने का निर्देश आने पर ठीक कराया जाएगा.
-सुमैया फिरदौस, मुखिया गझंडा पंचायत.B
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