surya encounter: पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने जताया जान का डर, कहा आदिवासियों की आवाज दबाना चाह रही राज्य सरकार
पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने जताया जान का डर, कहा आदिवासियों की आवाज दबाना चाह रही राज्य सरकार
सूर्या हांसदा एनकाउंटर को बताया साज़िश, सीबीआइ जांच की मांग कहा, मैंने भी अवैध माइनिंग के खिलाफ उठायी है आवाज प्रतिनिधि, बोआरीजोर. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने राज्य सरकार और गोड्डा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को एक सोची-समझी साजिश करार दिया है. महागामा के नूनाजोर स्थित अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार पर मुखर आवाजों को दबाने का आरोप लगाया और इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच की पुरजोर मांग की. लोबिन ने एनकाउंटर की कहानी पर गहरा संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यह समझना मुश्किल है कि जिस सूर्यनारायण उर्फ सूर्या हांसदा को गोड्डा पुलिस ने 11 अगस्त को देवघर के मोहनपुर स्थित नावाडीह से सुरक्षित गिरफ्तार कर लिया था, उसी रात उसका एनकाउंटर कैसे हो जाता है. उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि इस कथित मुठभेड़ में केवल सूर्या हांसदा को ही गोली लगी, जबकि किसी भी पुलिसकर्मी या जवान को एक खरोंच तक नहीं आयीं. यह परिस्थिति पूरे घटनाक्रम को संदेहास्पद बनाती है और पुलिस की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा करती है. हिरासत में बर्बरता और हत्या का आरोप पूर्व विधायक ने दावा किया कि सूर्या हांसदा के शव को देखने से यह स्पष्ट होता है कि उसके शरीर पर लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई के और जलने के निशान थे. यह इस बात का सबूत है कि गोड्डा पुलिस ने उसे बर्बरतापूर्वक टॉर्चर किया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून के अनुसार, पुलिस हिरासत में किसी भी अभियुक्त की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होती है, जिसका यहां सरासर उल्लंघन हुआ है. आदिवासी आवाजों को दबाने का डर लोबिन ने इस घटना को अपनी सुरक्षा से जोड़ते हुए चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, “मैंने भी राज्य में अवैध खनन के खिलाफ लगातार आवाज उठायी है. इस घटना के बाद मुझे डर है कि सरकार मेरी जैसी आदिवासी और मुखर आवाजों को भी दबाने का काम कर सकती है. उन्होंने गुरुजी शिबू सोरेन का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासियों को अपनी आवाज दी थी, लेकिन मौजूदा सरकार उसे कुचलने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि गोड्डा पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और सीबीआइ जांच सुनिश्चित कराने के लिए पहल करे, ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जा सके.
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