हरिपुर के 200 एकड़ खेत जलमग्न, फसल बर्बाद
लगातार बारिश बना किसानों के लिए आफत
इस बार मानसून ने जहां किसानों को शुरुआती राहत दी, वहीं अब यही बारिश उनके लिए जी का जंजाल बनती जा रही है. गोड्डा जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत कनवारा पंचायत के हरिपुर मौजा में दर्जनों किसान परेशान हैं. क्षेत्र के लगभग 200 एकड़ खेतों में लगातार पानी भरने से खरीफ फसल डूब चुकी है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. किसानों ने बताया कि रोपनी की शुरुआत अच्छी बारिश के साथ हुई थी. खेतों में धान की रोपाई कर ली गयी थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश और जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण खेतों में इतना पानी भर गया है कि वह गंगा के दियारा क्षेत्र जैसा लग रहा है.
स्थानीय किसान अरुण कुमार सिंह, गुड्डू राउत और मनीष कुमार ने बताया कि पहले वे अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अब खेतों में पानी ही पानी है. पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सड़क के कारण भी जल निकासी बाधित हो गयी है, क्योंकि निर्माण सामग्री को अनियंत्रित ढंग से फेंक दिया गया, जिससे नालियों और डांड़ में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.5-10 कट्ठा जमीन वाले किसानों की स्थिति सबसे खराब
कुछ किसानों के पास मात्र 5 से 10 कट्ठा जमीन है, जो पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है. ऐसे छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद गंभीर हो गयी है, क्योंकि यही जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा है. फसल बर्बाद होने से न तो खाने के लिए अनाज मिलेगा और न ही आमदनी होगी. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रखंड प्रशासन, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर स्थिति से पूरी तरह अनजान हैं. आज तक किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने गांव आकर हालात का जायजा तक नहीं लिया है. किसानों का कहना है कि यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो आगे स्थिति और बिगड़ सकती है.
बीमा और मुआवजे की मांग
हरिपुर के निर्मल मंडल, निरंजन सिकदर, गिरधारी राउत, निर्मल झा, भूपेंद्र कुमार मंडल, राजेंद्र मंडल, विजय मंडल, सिकंदर मंडल, गौरीशंकर मंडल सहित दर्जनों किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है.किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द खरीफ फसल का बीमा कराया जाये और नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाये, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें.
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