लगातार बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, जलजमाव से धान की फसल बर्बाद
गोड्डा जिले में करीब 500 हेक्टेयर धान की फसल नष्ट, कृषि विभाग ने शुरू किया सर्वेक्षण
गोड्डा जिले में बीते दस दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खेतों में लगातार जलजमाव के कारण धान सहित अन्य फसलें नष्ट होने की स्थिति में पहुंच गयी हैं. हालांकि अब धीरे-धीरे खेतों से पानी कम होने लगा है, लेकिन इतने दिनों तक पानी में डूबे रहने से फसलों की जड़ें सड़ने लगी हैं और धान के पौधे गल चुके हैं. कई किसानों ने जहां पुनः रोपाई की शुरुआत की है, वहीं बारिश की अनिश्चितता और खेतों में अब भी भरे पानी ने उन्हें भविष्य को लेकर आशंकित कर दिया है. किसानों के अनुसार, अब रोपनी का समय भी समाप्ति की ओर है, जिससे वे बड़ी हानि की आशंका से घिर गये हैं.
जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त, विभागीय लापरवाही का आरोप
जलजमाव से धान की जड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो गयी है, जिससे पौधे पीले पड़कर मुरझाने लगे हैं. खासकर जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से स्थिति और भयावह होती जा रही है. किसानों का आरोप है कि सिंचाई नालों की समय पर सफाई नहीं की गयी, जिससे बारिश का पानी खेतों से निकल नहीं पा रहा है. गोड्डा के साथ-साथ पथरगामा, महागामा और मेहरमा प्रखंडों के सैकड़ों एकड़ खेतों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. किसान बताते हैं कि यदि जल्द ही पानी की निकासी नहीं हुई तो इस बार उनका पूरा मेहनताना डूब जाएगा और वे कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं रहेंगे.500 हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद होने का अनुमान
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष जिले में 52,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें से अब तक करीब 500 हेक्टेयर फसल बर्बाद होने का अनुमान है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि क्षति के आंकलन के लिए सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है.
क्या कहते है किसान
लगातार बारिश और जलजमाव से धान की पूरी फसल नष्ट हो चुकी है. अब कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. सरकार और प्रशासन भी केवल औपचारिकता निभा रहे हैं, कहीं से कोई ठोस मदद नहीं मिल रही.-अजीमुल गाज़ी, किसान
मौसम के सामने किसी की नहीं चलती, लेकिन चिंता यह है कि लगातार हो रही बारिश और जलजमाव से धान की फसल पीली पड़कर सड़ने लगी है. अगर ऐसा ही रहा तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी.
-मो. जमाल, किसान
हमने दो एकड़ जमीन पर धान की खेती की थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश और खेतों में पानी भरने से धान के पौधे सड़ गये हैं. किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, बहुत चिंता में हैं.-कंचन देवी, किसान
पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश का पानी खेतों में भर गया है. इससे धान की फसल सड़ने लगी है. हम जैसे छोटे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.-शोभा देवी, किसान
यदि अगले कुछ दिनों में खेतों से पानी नहीं निकला तो हमारी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएगी. कर्ज का बोझ चुकाना मुश्किल हो जाएगा. प्रशासन को तत्काल जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए.-मुकेश पंडित, किसान
……………………………………….बॉक्स मेंजिले में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, सामान्य से 15% अधिक वर्षा दर्जगोड्डा: जिले में इस वर्ष मॉनसून की बारिश ने बीते कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. एक जून से आठ अगस्त तक जहां सामान्य वर्षापात 514 मिमी माना जाता है, वहीं इस बार अब तक 591 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने बताया कि वर्षा की यह स्थिति अभी बनी रहेगी. अगले पांच दिनों तक मौसम में कोई खास बदलाव नहीं होगा. इस अवधि में मध्यम दर्जे के बादल, तेज हवा और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है. लगातार हो रही बारिश से जहां किसानों को जलजमाव और फसल क्षति जैसी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं, वहीं शहर व ग्रामीण इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित हो रहा है. मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है.
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