Jharkhand News: किराये के मकान में चल रहे गिरिडीह जिले के 125 आंगनबाड़ी केंद्र, नहीं ले रहा कोई सुध

गिरिडीह जिला के 2500 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 125 केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं. पिछले दो साल से भवन निर्माण मद में सरकार ने राशि आवंटित नहीं की है. मालूम हो कि भवन निर्माण की राशि सरकार जिला परिषद को आवंटित करती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2022 6:41 PM

Jharkhand News: गिरिडीह जिले के 125 अांगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं. इन केंद्रों का भवन अब तक नहीं बना है. जिला परिषद द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन बनाया जाता है और भवन निर्माण की राशि सरकार जिला परिषद को आवंटित करती है. पिछले दो वर्षों से भवन निर्माण मद में सरकार ने राशि आवंटित नहीं की है. ऐसे में ये आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं.

पिछले एक साल से नहीं मिली राशि

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्र चलाने के लिए हर माह प्रति केंद्र 750 रुपये समाज कल्याण विभाग मुहैया कराता है. लेकिन, विभाग से राशि आवंटित नहीं होने के कारण यह राशि भी पिछले एक साल से बकाया है. ऐसे में आंगनबाड़ी सेविकाओं की परेशानी बढ़ गयी है, क्योंकि मकान मालिक आये दिन किराया मांगते हैं.

जिले में 2500 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित

जानकारी के अनुसार, जिले में 2500 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इनमें से 2325 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है. इधर, जो केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं, उनकी सेविकाओं को कहना है कि महंगाई के इस दौर में कोई भी मकान मालिक 750 रुपये में अपना मकान किराये पर नहीं देना चाहता है. एक कमरे में नौनिहालों को बैठाकर पढ़ाया जाता है और गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के बीच पोषाहार वितरण किया जाता है. समय-समय पर उन्हें टीके भी दिये जाते हैं. सिर्फ एक कमरा होने के कारण इसमें काफी परेशानी होती है.

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पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता लागू, फिलहाल कार्य संभव नहीं

वहीं, झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी सेवक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह नयन ने संबंधित विभाग से आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण के लिए इसी वित्तीय वर्ष में राशि आवंटित करने की मांग की है. इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम ने कहा कि अभी पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है. निर्माण से संबंधित कोई भी काम फिलहाल संभव नहीं है. चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के बाद भवन निर्माण के लिए निदेशालय को पत्र भेजा जाएगा.

Posted By: Samir Ranjan.

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