Jharkhand News : गढ़वा PHED विभाग के कैशियर घूस लेते गिरफ्तार, पलामू ACB की टीम ने की कार्रवाई

पलामू ACB की टीम ने 8000 रिश्वत लेते गढ़वा PHED विभाग के कैशियर को उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार कैशियर पर पानी टंकी निर्माण के लिए एग्रीमेंट करने के एवज में घूस की मांग की गयी थी. ठेकेदार की शिकायत पर ACB की टीम ने उसकी गिरफ्तारी की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2021 5:23 PM

Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : एंटी करप्शन ब्यूरो, पलामू (Anti Corruption Bureau, Palamu) की टीम ने बुधवार को गढ़वा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कैशियर त्रिलोचन प्रसाद को रंगेहाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. त्रिलोचन प्रसाद की गिरफ्तारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय से हुई है. टेंडर निर्माण के एग्रिमेंट के लिए घूस लेने के आरोप में श्री प्रसाद की गिरफ्तारी हुई है.

क्या है पूरा मामला

गढ़वा थाना के झलुआ गांव निवासी मुद्दसीर अंसारी को गढ़वा प्रखंड के उड़सुगी गांव में पानी टंकी निर्माण का कार्य आवंटित किया गया था़ यह कार्य टेंडर से निर्गत किया गया था़ करीब 10 लाख रुपये की लागत से बननेवाले इस टावर के निर्माण कार्य का एग्रीमेंट करने के एवज में कैशियर श्री प्रसाद की ओर से रिश्वत की मांग की गयी थी. ठेकेदार अंसारी ने बताया कि वे इसके लिए कई बार कैशियर से मिले, लेकिन हर बार बिना पैसे के काम करने से इनकार कर रहे थे.

उन्होंने बताया कि करीब 8000 रुपये की मांग की थी. इस वजह से परेशान होकर उन्होंने एसीबी से संपर्क किया़ वहां से इस आरोप का वेरिफिकेशन किया गया. इसके बाद बुधवार को ACB की ओर से एक टीम गठित की गयी.

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ACB के पदाधिकारियों के कहने पर उन्होंने तय अनुसार बुधवार की सुबह कार्यालय खुलने के बाद त्रिलोचन प्रसाद को नकद 8000 रुपये पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में ही जाकर भुगतान किया़ इसके बाद ACB की टीम ने उनको रुपये के साथ वहां से धर दबोचा. गिरफ्तारी के बाद श्री प्रसाद को ACB की टीम अपने साथ पलामू ले गयी.

रिश्वत के मामले में पहले भी बदनाम हुआ है विभाग

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पहले भी रिश्वत लेने के मामले में बदनाम हुआ है. हाल ही में इस विभाग से संबद्ध स्वच्छ भारत अभियान के जिला परामर्शी विजयकांत रवि पर अनुबंधकर्मियों से अनुबंध रिन्यूवल करने के नाम पर पांच-पांच हजार रुपये वसूलने का आरोप लगा था. इस आरोप के मद्देनजर उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी राज्यस्तरीय पदाधिकारियों के स्तर से प्राप्त हुआ है, लेकिन अभी तक उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की गयी है. इस वजह से विभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

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