डेमा गांव में निसंतान दंपति को लावारिस बच्ची से हुआ काफी लगाव, छीने जाने पर आत्महत्या की धमकी दी

Jharkhand news, Garhwa news : एक तरफ जहां समाज में अभी भी बच्ची के जन्म लेने पर उसका परित्याग किया जा रहा है़, वहीं परित्याग किये जाने के बाद लावारिस हालत में मिले एक नवजात बच्ची से निसंतान दंपति को 22 दिनों के अंदर इतना लगाव हो गया कि उसने बच्ची के छीने जाने पर आत्महत्या की धमकी तक दे डाली है़ निसंतान दंपति की महिला से बच्ची को वापस लेने में पुलिस को 22 दिनों तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इस मामले में डीसी, एसपी एवं बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्ची को प्रस्तुत किया गया़ सीडब्ल्यूसी ने सभी पक्षों को सुनते हुए अगले आदेश तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए बच्ची को पालक परिवार को ही सौंप दिया. साथ ही पुलिस को उसका संरक्षक बना दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2020 6:19 PM

Jharkhand news, Garhwa news : गढ़वा (पीयूष तिवारी) : एक तरफ जहां समाज में अभी भी बच्ची के जन्म लेने पर उसका परित्याग किया जा रहा है़, वहीं परित्याग किये जाने के बाद लावारिस हालत में मिले एक नवजात बच्ची से निसंतान दंपति को 22 दिनों के अंदर इतना लगाव हो गया कि उसने बच्ची के छीने जाने पर आत्महत्या की धमकी तक दे डाली है़ निसंतान दंपति की महिला से बच्ची को वापस लेने में पुलिस को 22 दिनों तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इस मामले में डीसी, एसपी एवं बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्ची को प्रस्तुत किया गया़ सीडब्ल्यूसी ने सभी पक्षों को सुनते हुए अगले आदेश तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए बच्ची को पालक परिवार को ही सौंप दिया. साथ ही पुलिस को उसका संरक्षक बना दिया गया.

जानकारी के अनुसार, कांडी थाना क्षेत्र के डेमा गांव स्थित एक अरहर के खेत से विगत 3 नवंबर, 2020 को नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली थी. बच्ची को निसंतान दंपति राहुल सिंह एवं उसकी पत्नी ने अपने पास रखकर देखरेख शुरू कर दी. सूचना मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को अपने समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश कांडी थाना प्रभारी को दिया. लेकिन, बच्ची प्रस्तुत नहीं हो सकी.

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इसके बाद डीसी सह जिला बाल संरक्षण इकाई के अध्यक्ष राजेश कुमार पाठक ने इसके लिए एसपी को निर्देशित किया. एसपी के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को बच्ची को सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे के समक्ष प्रस्तुत किया गया. यहां पालक दंपति राहुल सिंह एवं उसकी पत्नी ने लिखित रूप से कहा कि यदि बच्ची उनसे लेकर कहीं और भेजा गया, तो वे दोनों आत्महत्या कर लेंगे. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायपीठ ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया. लेकिन, बच्ची को राहुल सिंह के बजाय उसके भाई रोहित सिंह एवं उसकी पत्नी को देखरेख के लिए सौंप दिया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 26 नवंबर को की जायेगी.

थाना प्रभारी को शोकॉज

इस मामले में कांडी थाना प्रभारी को सीडब्ल्यूसी ने शोकॉज जारी किया है. सीडब्ल्यूसी चेयरमैन ने 24 घंटे के अंदर थाना प्रभारी को उपस्थित होकर इस बात का संतोषजनक जवाब देने को कहा है कि क्यों 22 दिनों तक बच्ची को सीडब्यूसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया. इसके अलावे बच्ची को गोद लेने के लिए पोषक परिवार के अहर्ता की जांच के लिए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को आदेश दिया है़ बच्ची के जैविक माता-पिता की खोजबीन के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराने एवं दावा पत्र प्राप्त करने का भी निर्देश दिया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

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