कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की नाबालिग छात्रा के मां बनने का मामला: आठ वार्डन ने दिया इस्तीफा

गढ़वा : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नाबालिग बच्ची के मां बनने के मामले में स्वयं को जिम्मेवार बताये जाने को लेकर आठ वार्डनों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शनिवार से वार्डन का संपूर्ण प्रभार स्वत: छोड़ते हुए डीइओ को पत्र सौंपा है़ जिला शिक्षा पदाधिकारी सह समग्र शिक्षा अभियान के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2020 7:07 AM
गढ़वा : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नाबालिग बच्ची के मां बनने के मामले में स्वयं को जिम्मेवार बताये जाने को लेकर आठ वार्डनों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शनिवार से वार्डन का संपूर्ण प्रभार स्वत: छोड़ते हुए डीइओ को पत्र सौंपा है़
जिला शिक्षा पदाधिकारी सह समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दिये इस्तीफा पत्र में रंका की वार्डन मीनाक्षी कुमारी, रमकंडा की वार्डन सुमन कुमारी, नगरऊंटारी की वार्डन रंजू कुमारी, धुरकी की वार्डन तबीना कच्छप, खरौंधी की वार्डन मेरी किरण कच्छप, मेराल की वार्डन अर्चना कुमारी, भंडरिया की वार्डन आशा कुमारी तिग्गा व समर्थ विद्यालय की वार्डन अमीना बेक ने कहा है कि कस्तूरबा विद्यालय मझिआंव में नाबालिग छात्रा के मां बनने के मामले में सूचना नहीं देने पर वार्डन के ऊपर पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जबकि कांडी कस्तूरबा में नाबालिग छात्रा के मां बनने के मामले में विभाग को सूचना देने के बाद भी वार्डन पर पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है़ वार्डन ने कहा है कि ऐसी परिस्थिति में उनका काम करना काफी मुश्किल हो गया है़
इसलिए वे कस्तूरबा विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में काम करना चाहती हैं, न कि वार्डन के रूप में. पत्र में वार्डनों ने स्वयं को सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा पॉस्को एक्ट की धारा से मुक्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि उनकी नियुक्ति कक्षा छह से आठ तक के लिए हुई है़ लेकिन उनसे अतिरिक्त कार्य के रूप में नौवीं से 12वीं कक्षा तक का भी संचालन कराया जा रहा है़ इस अतिरिक्त प्रभार का भी वे बखूबी निर्वाहन करते हुए बेहतर परिणाम दे रही है़ं लेकिन वर्तमान समय में कस्तूरबा में घटित घटना की जानकारी देने और नहीं देने, दोनों ही परिस्थितियों में उन्हें जिम्मेवार बनाया जा रहा है़ इसलिए उनके अंदर भय का माहौल व्याप्त हो गया है़
वे इस परिस्थिति में वार्डेन के पद पर काम करना नहीं चाहती हैं. इसलिए वे सभी 22 फरवरी के अपराह्न से स्कूल के समस्त प्रभार भवदीय (डीइओ) को सामूहिक रूप से सौंप रही हैं. उल्लेखनीय है कि गढ़वा जिले में 14 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय हैं़ इसमें से आठ ने इस्तीफे की पेशकश की है़

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