मांगों को लेकर हड़ताल शुरू

गढ़वा : राजस्व व भूमि सुधार कर्मचारी उपनिरीक्षक संघ ने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. राजस्व कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से अंचल के कामकाज ठप हो गया है़ खासकर मुख्यमंत्री आशीर्वादयोजना से संबंधित कार्यों पर इसका असर पड़ा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 7, 2019 1:51 AM

गढ़वा : राजस्व व भूमि सुधार कर्मचारी उपनिरीक्षक संघ ने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. राजस्व कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से अंचल के कामकाज ठप हो गया है़ खासकर मुख्यमंत्री आशीर्वादयोजना से संबंधित कार्यों पर इसका असर पड़ा है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में छूटे हुए किसानों का ऑनलाइन इंट्री का कार्य 10 सितंबर तक अभियान चलाकर करना है़ लेकिन हड़ताल की वजह से इसके प्रभावित होने की पूरी संभावना है़ बताया गया कि यदि हड़ताल जल्द समाप्त नहीं हुआ, तो हजारों किसान इस योजना के लाभ से वंचित रहे सकते है़ं इसके अलावा नियमित कार्यों में शामिल म्यूटेशन, ऑन लाइन इंट्री, भूमि विवाद के निष्पादन आदि से संबंधित कार्यों पर इसका बुरी तरह से असर पड़ रहा है़ बताया गया कि पांच सितंबर से ही सभी उप निरीक्षकों को हड़ताल करना था़ लेकिन गढ़वा में यह एक दिन देर से छह सितंबर से शुरू किया गया है.
इधर हड़ताल को लेकर गढ़वा तहसील भवन में बैठक हुई. इसमें प्रमंडलीय अध्यक्ष नथूनी राम मुख्य रूप से उपस्थित थे़ उन्होंने कहा कि सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में हड़ताल की जा रही है. इसके लिए सभी कर्मचारियों को एकजुटता दिखानी होगी़ उन्होंने बताया कि हड़ताल की वजह से गढ़वा जिले के सभी 70 राजस्व उप निरीक्षकों ने काम को ठप करा दिया है.
लिखित समझौता लागू करने सरकार : बिंदेश्वर : इस मौके पर जिलाध्यक्ष बिंदेश्वर कुमार ने कहा कि वे नौ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है़ं इसमें मुख्य रूप से साल 2017-18 में सरकार द्वारा राजस्व कर्मचारियों के साथ किये गये लिखित समझौते को लागू करना शामिल है़ं उन्होंने कहा कि इसके अलावा उप निरीक्षकों का न्यूनतम ग्रेड पे 2400 रुपये करने, जनगणना से समायोजित राजस्व उप निरीक्षकों की गणना भूतलक्षी प्रभाव से करते हुए पुरानी पेंशन का लाभ देने, अंचल निरीक्षकों की सीधी बहाली पर रोक लगाते हुए 50 प्रतिशत पदों पर वरीयता के आधार पर राजस्व उप निरीक्षकों को लेने, राजस्व प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, सीमित से परीक्षा के लिए राजस्व उप निरीक्षकों का कार्यानुभव पांच वर्ष करने सहित अन्य मांगें शामिल है.

Next Article

Exit mobile version