पहाड़िया महिलाएं खजूर के पत्ते से बनाएंगी चप्पल, मिलेगा प्रशिक्षण, एसएचजी के आउटलेट में बिकेगा उत्पाद

Jharkhand news, Dumka news : आदिम जनजाति की पहाड़िया महिलाएं अब खजर के पत्ते से चप्पल तैयार करेंगी. दुमका जिला में इन महिलाओं को इसाफ की ओर प्रशिक्षण दिलाया जायेगा. इस कार्य में खासकर पहाड़िया महिलाओं को जोड़ा जायेगा. डीसी राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में स्किल डेवलपमेंट से संबंधित योजनाएं जैसे शगुन सूतम और बाली फुटवियर निर्माण की समीक्षा के दौरान इस पर चर्चा हुई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2020 3:24 PM

Jharkhand news, Dumka news : दुमका : आदिम जनजाति की पहाड़िया महिलाएं अब खजर के पत्ते से चप्पल तैयार करेंगी. दुमका जिला में इन महिलाओं को इसाफ की ओर प्रशिक्षण दिलाया जायेगा. इस कार्य में खासकर पहाड़िया महिलाओं को जोड़ा जायेगा. डीसी राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में स्किल डेवलपमेंट से संबंधित योजनाएं जैसे शगुन सूतम और बाली फुटवियर निर्माण की समीक्षा के दौरान इस पर चर्चा हुई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये.

डीसी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं पर कार्य किये जाये. अधिक से अधिक महिलाओं को इन योजनाओं से जोड़ कर स्किल डेवलपमेंट का कार्य किया जाये. डीसी ने इसाफ को निदेश दिया है कि पहाड़िया समाज के लोगों को भी बाली फुटवेयर के तहत चप्पल निर्माण करने का प्रशिक्षण प्रदान करें. साथ ही खजूर के पत्ते से निर्मित फुटवेयर का प्रशिक्षण देने को कहा गया. वहीं, शगुन सूतम के माध्यम से कपड़ा सिलाई का प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं के जीवन में निश्चित रूप से बदलाव आयेगा. बताया गया कि 15- 15 महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें 30 दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

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डीसी राजेश्वरी बी ने कहा कि 10वीं तथा 12वीं उत्तीर्ण कर चुकी बच्चियां भी अगर सिलाई का कार्य सीखना चाहती हों, तो उन्हें भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. जामा, काठीकुंड तथा हरिपुर के शगुन सूतम केंद्र में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया मिलेगा. किसी भी केंद्रों पर अगर मशीन मरम्मती की जरूरत हो, तो इसे जल्द से जल्द पूरा कर लें.

उन्होंने कहा कि स्कूल ड्रेस बनाने से संबंधित जो भी कार्य इन केंद्रों को प्राप्त हुए हैं तथा कोविड-19 के कारण पूर्ण नहीं हो सके हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाये. साथ ही निर्धारित समयावधि में आपूर्ति सुनिश्चित हो इसका भी ध्यान रखा जाये.

एसएचजी की आउटलेट में बिकेगा उत्पाद

उन्होंने कहा कि मसलिया, शिकारीपाड़ा, गोपीकांदर तथा रामगढ़ प्रखंड में स्वयं सहायता समूह (SHG) आउटलेट बनाये गये हैं, जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों को बेचा जायेगा. डीसी ने पहले चरण में गोपीकांदर तथा शिकारीपाड़ा में निर्मित एसएचजी आउटलेट को शुरू करने का निर्देश दिया है. बाकी प्रखंडों में अगले चरण में इसे शुरू किया जायेगा. बैठक में उप विकास आयुक्त डॉ संजय कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी, इसाफ के प्रतिनिधि, डीपीएम जेएसएलपीएस आदि उपस्थित थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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