झारखंड : भीषण गर्मी के बीच बूंद-बूंद पानी को तरसती पहाड़िया जनजाति, ऐसा पानी पीते हैं मुरगुज्जा गांव के सैकड़ों लोग

झारखंड की उपराजधानी दुमका के काठीकुंड प्रखंड में एक ऐसा गांव है, जो भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी के लिए तरस रहा है. झरना का पानी पीने को विवश है.

By Mithilesh Jha | April 26, 2024 5:28 PM

काठीकुंड (दुमका), अभिषेक : पूरा झारखंड इन दिनों सूर्यदेव का प्रकोप झेल रहा है. करीब एक दर्जन जिले में उष्ण लहर (HEAT WAVE) का असर देखा जा रहा है. भीषण गर्मी में पानी ही गरीबों का सबसे बड़ा सहारा होता है. लेकिन, झारखंड में गरीबों की बड़ी आबादी है, जिन्हें शुद्ध पेयजल तक मयस्सर नहीं.

भीषण गर्मी में झरने के पानी पर आश्रित मुरगुज्जा गांव के लोग

ऐसा ही एक गांव है मुरगुज्जा. दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड में है यह गांव. प्रखंड का सुदूरवर्ती इलाका है. बड़ाचापुड़िया पंचायत में यह गांव आता है. इस गांव के लोग इन दिनों पानी की किल्लत झेल रहे हैं. 35 घरों वाले इस गांव के सैकड़ों लोग आज भी पानी के लिए झरना पर आश्रित हैं. झरना भी पहाड़ पर बसे इस गांव से एक किलोमीटर दूर है.

Also Read : झारखंड : संताल के इन गांवों में कनेक्शन है पर पानी नदारद, रानीश्वर में करोड़ों की जलापूर्ति योजना फेल

पहाड़ पर बसे गांव के लोग एक किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी

ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. इसके लिए उन्हें अच्छी-खासी मशक्कत करनी पड़ती है. देश में ‘हर घर नल से जल’ के नारे के बीच पूरे साल ग्रामीण इसी जद्दोजहद से पानी का जुगाड़ करते हैं. गर्मी के मौसम में झरना सूखने लगता है और ग्रामीण पानी के लिए मोहताज हो जाते हैं.

झरने का पानी पीते-पीते जीवन बीतने को है. लगता है, कभी नल का पानी नसीब नहीं होगा.

बुजुर्ग ग्रामीण, मुरगुज्जा गांव, काठीकुंड, दुमका

मुरगुज्जा गांव में न तो कुआं, न ही एक चापानल

बता दें कि इस गांव में न तो कुआं है, न ही एक अदद चापानल. ग्रामीण बताते हैं कि कुछ महीने पहले बोरिंग के लिए गाड़ी आयी थी. दो चार पाइप डालने के बाद बोरिंग गाड़ी वापस चली गयी. मशीन के साथ जो लोग आए थे, उन्होंने कहा कि मशीन में खराबी आ गई है.

पड़ोस के गांवों में हो रही है पेयजल की आपूर्ति : ग्रामीण

ग्रामीणों को मलाल इस बात का है कि पहाड़ पर बसे पड़ोस के अन्य दूसरे गांवों में पेयजल की आपूर्ति हो रही है, लेकिन उनके गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए आज भी इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है. स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं होने की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियां भी झेलनी पड़ती है.

अंचल मुख्यालय में होने वाली हर बैठक में मुरगुज्जा गांव में पेयजल की समस्या का मुद्दा उठाता हूं, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ.

लखन देहरी, ग्राम प्रधान, मुरगुज्जा, काठीकुंड, दुमका

अंचल मुख्यालय की बैठक में हर बार उठाया पानी का मुद्दा : मुखिया

मुरगुज्जा गांव के वृद्ध बताते हैं कि झरने का पानी पीते-पीते जीवन बीतने को है. वहीं, ग्राम प्रधान लखन देहरी ने बताया कि अंचल मुख्यालय में हर माह होने वाली बैठक में कई बार इस समस्या को उठाया है, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस है.

Also Read : Jharkhand News: पानी नहीं मिलने से नाराज दुमका के बरमसिया कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं ने किया हंगामा

Also Read : झारखंड के 7 जिलों की 106 बस्तियों के पानी में घुला ‘जहर’, पीना है खतरनाक

Also Read: झारखंड की 106 बस्तियों का भू-जल पीने योग्य नहीं, इन जिलों की स्थिति ज्यादा खराब

Also Read : Jharkhand Weather: झारखंड में कहां चल रही लू? कब तक झेलना होगा HEAT WAVE? पढ़ें IMD का अलर्ट

Next Article

Exit mobile version