कब आयेंगे, कब जायेंगे साहेब पता नहीं

प्रभात स्टिंग. प्रमंडलीय कार्यालय में ही जब अधिकारी नहीं आते, तो कैसे दूर होगा पिछड़ापन जिस कार्यालय से पूरे संताल के विकास कार्य की मॉनिटरिंग होती हो, उस कार्यालय में ही जब पदाधिकारी सप्ताह-सप्ताह भर नहीं आयें, तो क्या कहा जा सकता है. हर अोर से निराश और कई अपेक्षाएं लिए आते हैं लोग यहां, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2017 5:07 AM

प्रभात स्टिंग. प्रमंडलीय कार्यालय में ही जब अधिकारी नहीं आते, तो कैसे दूर होगा पिछड़ापन

जिस कार्यालय से पूरे संताल के विकास कार्य की मॉनिटरिंग होती हो, उस कार्यालय में ही जब पदाधिकारी सप्ताह-सप्ताह भर नहीं आयें, तो क्या कहा जा सकता है. हर अोर से निराश और कई अपेक्षाएं लिए आते हैं लोग यहां, पर किसी के आने और जाने का सही समय नहीं होने का असर लोगों पर दिखता है. हालत क्या है, क्या दिक्कत है, मंगलवार को प्रभात खबर ने इसके पड़ताल के लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय परिसर में संचालित विभिन्न कार्यालयों का जायजा लिया. प्रस्तुत है 11 बजे तक की आंखोंदेखी.
दुमका : प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय उपराजधानी दुमका का सबसे महत्वपूर्ण व प्रमुख कार्यालय है. यहां आयुक्त के अलावा विभिन्न विभागों के उपनिदेशक के कार्यालय हैं. यहां कल्याण विभाग, पंचायती राज, सांख्यिकी, खनन विभाग के उप निदेशकों के साथ-साथ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी व आयुक्त के सचिव के कार्यालय कक्ष हैं,
लेकिन अधिकांश पद अतिरिक्त प्रभार पर ही चल रहे हैं. हालांकि जिस मूल पद पर पदाधिकारी पदस्थापित हैं, उसमें भी उनकी उपस्थिति लगातार नजर नहीं आती है. सोमवार को कार्यालय में यही हालत था. 10.27 तक किसी भी पदाधिकारी की गाड़ी कैंपस में ंनहीं घुसी थी. अधिकतर पदाधिकारियों के चेंबर खाली पड़े थे.
उपनिदेशक खान कार्यालय
उपनिदेशक खान के पद पर अशोक कुमार मंडल पदस्थापित हैं. श्री मंडल भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे. उनके कार्यालय के बगल दूसरे कक्ष में अवस्थित दफ्तर में मौजूद एक कर्मी ने बताया कि वे संभवत: देवघर गये हुए हैं. इस विभाग में माइनिंग आॅफिसर के रुप में महेंद्र प्रसाद, लिपिक प्रमोद रंजन, गौतम कुमार, स्टेनो अरुण कुमार सिंह के अलावा तीन चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पदस्थापित हैं.

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