गलत व्याख्या हो रही क्षैतिज आरक्षण की : डीएसइ

धनबाद: क्षैतिज आरक्षण की गलत व्याख्या की जा रही है. मार्गदर्शन मिल चुका है और उसी के अनुसार औपबंधिक मेधा सूची बनायी गयी है. सूची निर्माण में सामान्य नियुक्ति प्रक्रिया ही अपनायी गयी है. मेरिट के आधार पर ही सभी पारा शिक्षक अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में चयनित हुए हैं. यह बात डीएसइ बांके बिहारी सिंह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2014 7:57 AM

धनबाद: क्षैतिज आरक्षण की गलत व्याख्या की जा रही है. मार्गदर्शन मिल चुका है और उसी के अनुसार औपबंधिक मेधा सूची बनायी गयी है. सूची निर्माण में सामान्य नियुक्ति प्रक्रिया ही अपनायी गयी है.

मेरिट के आधार पर ही सभी पारा शिक्षक अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में चयनित हुए हैं. यह बात डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में कही. उन्होंने यह भी बताया कि डीपीइ के मामले में सीटें लॉक कर रखी गयी है और निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्यवाही होगी. सनद हो कि कुछ अभ्यर्थियों ने क्षैतिज आरक्षण का हवाला देते हुए सामान्य समेत सभी वर्गो को इसका लाभ देने की मांग की थी. मामले में डीएसइ श्री सिंह ने राज्य कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा था.

नियोजन के लिए आवासीय ही मान्य : डिप्टी डीएसइ एमके पांडेय ने बताया कि सक्षम प्राधिकार, अनुमंडल पदाधिकारी या उसके ऊपर के प्राधिकार द्वारा निर्गत आवासीय प्रमाणपत्र (नियोजन हेतु) ही मान्य होगा. आरक्षण के लाभ के लिए सभी पारा एवं गैर पारा में विभिन्न कोटि में चयनित अभ्यर्थियों को यह प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा. केवल गैर पारा में सामान्य कोटि में चयनित अभ्यर्थियों के लिए यह प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है. 25 अगस्त को सभी हिंदी गैर पारा एवं सभी उर्दू गैर पारा अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग होगी. 26 अगस्त को सभी हिंदी व उर्दू पारा अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग होगी. जिन अभ्यर्थियों के नाम के सामने डीपीइ अंकित है, उनकी काउंसेलिंग बाद में तय होगी.

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