चिलचिलाती धूप में पानी के लिए करनी पड़ती है जद्दोजहद

धनबाद : सप्लाई पानी नहीं मिलने से सिमलडीह के आधे इलाके के लोग तरस रहे हैं. चिलचिलाती में लोग दामोदरपुर श्मशान घाट में लगे चापानल से पानी लाकर घरेलू कार्य कर रहे हैं. वहीं लोग दो किमी दूर स्थित पुलिस लाइन के जलमीनार से पानी लाने को भी विवश हैं. किसी का ध्यान नहीं है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 2, 2019 7:27 AM
धनबाद : सप्लाई पानी नहीं मिलने से सिमलडीह के आधे इलाके के लोग तरस रहे हैं. चिलचिलाती में लोग दामोदरपुर श्मशान घाट में लगे चापानल से पानी लाकर घरेलू कार्य कर रहे हैं. वहीं लोग दो किमी दूर स्थित पुलिस लाइन के जलमीनार से पानी लाने को भी विवश हैं. किसी का ध्यान नहीं है.
मंगलवार की दोपहर दो बजे प्रभात खबर की टीम इलाके में पहुंची तो लोग अपने घरों से बाहर निकल आये और अपना दर्द बयां किया. लोगों ने कहा कि पेयजल विभाग ने एक इलाके को नयी पाइप लाइन से पानी दे दिया, लेकिन पुरानी पाइपलाइन से जुड़े इलाकों में पानी पहुंचना ही बंद हो गया है.
बच्चे, पुरुष व महिला हर कोई सुबह होने के साथ ही पानी की किल्लत दूर करने में दूर करने में जुट जाते हैं. मुहल्ले में एक चापाकल है, वह भी एक साल से खराब पड़ा है. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. श्मशान घाट के चापाकल में सुबह होते ही लोगों की कतार लग जाती हैं. दो गैलन पानी के लिए लोगों को आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ता है.
क्या है स्थिति
नगर निगम की पहल पर सिमलडीह में पाइप लाइन बिछायी गयी है. कुछ घरों में कनेक्शन दिया गया है, लेकिन पुरानी पाइपलाइन से जुड़े सिमलडीह का बड़ा इलाका पानी को तरस रहा है. सुबह, दोपहर या फिर हाथों में गैलन, बाल्टी व डेगची लिए लोग चापाकलों की ओर दौड़ पड़ते हैं.
दामोदरपुर श्मशान घाट के चापाकल से पानी लाकर घरेलू कार्य करना पड़ रहा है. लोगों ने कहा कि पानी की किल्लत दूर करने में दिन बीत जाता है.
किशुन कुमार
विभाग ने नयी पाइप बिछायी है, लेकिन इससे कुछ घरों को ही कनेक्शन दिया गया है. एक माह से पानी को तरस रहे हैं. सुनने वाला कोई नहीं है.
सुशीला देवी
सुबह होने के साथ ही पूरा परिवार पानी की किल्लत दूर करने में जुटा हुआ है. राहत देने की पहल कोई नहीं कर रहा है. एक माह से संकट झेल रहे हैं.
रेखा देवी
दामोदरपुर श्मशान में एक चापाकल है, वहीं से पाना लाना पड़ता है. पीने के लिए सप्लाई पानी नहीं मिल रहा है. चापानलों का खारा पानी पी रहे हैं.
भूपति दास

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