धनबाद : ओबी की गलत मापी दिखा उठा लिये 20 करोड़ रुपये

सीबीआइ जांच से कई भ्रष्ट अधिकारियों की फंसी गर्दन धनबाद : एक ओर जहां बीसीसीएल में कोयला उत्पादन कर लक्ष्य प्राप्ति में आउटसोर्सिंग कंपनियां उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ कंपनियां गड़बड़ी कर कंपनी को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं. बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया स्थित गोलकडीह एनसी पैच में काम कर रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 6, 2019 8:43 AM
सीबीआइ जांच से कई भ्रष्ट अधिकारियों की फंसी गर्दन
धनबाद : एक ओर जहां बीसीसीएल में कोयला उत्पादन कर लक्ष्य प्राप्ति में आउटसोर्सिंग कंपनियां उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ कंपनियां गड़बड़ी कर कंपनी को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं.
बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया स्थित गोलकडीह एनसी पैच में काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स एटी लिब्रा बीपीएल (जेबी) कंपनी ने बिना ओवर बर्डेन (ओबी) की निकासी किये करीब 25 लाख क्यूबिक मीटर का भुगतान गलत मापी दिखा ले लिया है. इससे बीसीसीएल को करोड़ों रुपये के नुकसान हुआ है. भ्रष्ट अधिकारियों की जमात इस पूरे मामले पर लीपापोती करने में लगे थी, लेकिन सीबीआइ की औचक छापेमारी से अब भ्रष्ट अधिकारियों गर्दन फंस गयी है.
बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया के कुइयां ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट से वर्ष 2011 में पत्रांक बीसीसीएल/सीजीएम(सीएमसी)/एफ-एलओए/एचइएमएम गोलकडीह/2011/2016 के तहत दिनांक सात नवंबर 2011 से 252 करोड़ रुपये का ओबी और कोयला खनन का काम मेसर्स एटी लिब्रा (जेबी) कंपनी को आवंटित किया गया था. मई 2017 तक उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी ने करीब 1 करोड़ 15 लाख क्यूबिक मीटर ओबी और 43 लाख मैट्रिक टन कोयला खनन किया.
25 लाख क्यूबिक मीटर अधिक दिखाया ओबी : सीबीआइ को मिली लिखित शिकायत व आधिकारिक सूत्रों की माने तो आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स एटी लिब्रा ने बस्ताकोला के भ्रष्ट अधिकारियों के सांठ-गांठ कर 1 करोड़ 15 लाख क्यूबिक मीटर वास्तविक ओबी निकासी को गलत तरीके से मापी कर करीब 1 करोड़ 40 लाख क्यूबिक मीटर दिखाया, यानी वास्तविकता से 25 लाख क्यूबिक मीटर अधिक ओबी निकासी दिखायी गयी है और 20 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान उठा लिया. सही आंकड़ा सीबीआइ की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा.

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