इलाज के लिए बोकारो जाना परेशानी का सबब

धनबाद : ‘चिंता से मुक्ति’ का स्लोगन देने वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) से इन दिनों धनबाद के 17302 बीमित व्यक्तियों की चिंता और बढ़ गयी है. मामूली इलाज व जांच के लिए मरीजों को बोकारो भेजा जा रहा है. अब हर छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को बोकारो जाने में परेशानी हो रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2017 11:01 AM

धनबाद : ‘चिंता से मुक्ति’ का स्लोगन देने वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) से इन दिनों धनबाद के 17302 बीमित व्यक्तियों की चिंता और बढ़ गयी है. मामूली इलाज व जांच के लिए मरीजों को बोकारो भेजा जा रहा है. अब हर छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को बोकारो जाने में परेशानी हो रही है. रेफर को लेकर गोविंदपुर व जोड़ाफाटक डिस्पेंसरी में प्राय: हो-हंगामा हो रहा है. आठ माह पहले धनबाद में सेकेंड्री केयर के तहत इलाज हो रहा था. जिले के अस्पताल से टाइ-अप खत्म कर देने से मरीज काफी परेशान हैं.

हर माह कट रहा पैसा, सुविधाएं नहीं मिल रहीं : बीमित व्यक्तियों का प्रत्येक माह पैसा कटकर इएसआइसी फंड में जमा हो रहा है. लेकिन धनबाद में एक भी अस्पताल से कैशलेस टाइअप नहीं होने से उसे बोकारो के केएन मेमोरियल अस्पताल भेज दिया जाता है. गोविंदपुर व जोड़ाफाटक डिस्पेंसरी के चिकित्सकों का कहना है कि धनबाद में फिलहाल सेवा सरकार के स्तर से बंद है. असर्फी अस्पताल में भी सेवा बंद हो गयी है. यहां जाने वाले मरीजों को लौटा दिया जा रहा है.
इएसआइसी डिस्पेंसरी में न दवा, न डॉक्टर
धनबाद में गोविंदपुर व जोड़ाफाटक में इएसआइसी डिस्पेंसरी है. लेकिन दोनों जगहों पर मरीजों को दवा नहीं मिलती है. यहां पर डॉक्टर मरीज की पर्ची पर बाहर की ब्रांडेड दवाएं लिख देते हैं. अब मरीज को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. जब क्लेम की बात आती है, तो इसकी इतनी प्रोसेस है, कि हर कोई दो व पांच सौ रुपये के लिए क्लेम भी नहीं करता है. वहीं मैथन में इएसआइ की एक अस्पताल है, लेकिन वहां भी चिकित्सकों व संसाधनों की कमी है.
मार्च में बढ़ी 21 हजार सिलिंग, चार हजार और जुड़े
सरकार ने इस वर्ष मार्च में बीमित व्यक्तियों की सिलिंग में बढ़ोतरी की है. पहले 15 हजार रुपये से नीचे वाले व्यक्ति को ही बीमित किया जाता था. अब 15 हजार से बढ़ाकर सिलिंग को 21 हजार रुपये कर दिया गया है. पहले 13 हजार के लगभग बीमित व्यक्ति थे. सिलिंग बढ़ने से धनबाद में लगभग चार हजार बीमित बढ़ गये, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है.
सरकार के निर्देश का किया जायेगा पालन
फिलहाल सेकेंड्री केयर के लिए धनबाद के मरीजों को बोकारो भेजा जा रहा है. आगे सरकार का जो भी निर्देश आयेगा, उसका पालन किया जायेगा.
मो. जी. हसन, ब्रांच मैनेजर, इएसआइ, धनबाद.

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