लोगों का खून चूस रहे मच्छर, धनबाद नगर निगम 11 छोटी हैंड मशीनों के बल पर कर रहा सब कुछ ठीक कर लेने का दावा

मच्छरों के आतंक से परेशान हैं वार्ड एक से 55 तक के 15 लाख लोग. पिछले लगभग तीन वर्षों से नगर निगम बोर्ड भंग है. नौकरशाह ही निगम की व्यवस्था को संभाले हुए हैं.

By Prabhat Khabar | March 10, 2023 9:28 AM

ठंड के विदा होने के साथ ही कोयलांचल में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. धनबाद शहरी क्षेत्र के स्लम से ले कर रिहाइशी इलाका तक में मच्छर मारने के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. लगभग 15 लाख की आबादी वाली नगर निगम क्षेत्र में 12 छोटी हैंड मशीनों से फॉगिंग होती है. दो बड़ी मशीनें हैं. लेकिन, केमिकल व डीजल के अभाव में दोनों का उपयोग बंद है.

55 वार्ड में रोटेशन से हो रही फॉगिंग

धनबाद नगर निगम क्षेत्र की आबादी लगभग 15 लाख है. धनबाद, कतरास, छाताबाद, सिंदरी एवं झरिया अंचल है. धनबाद अंचल में छह हैंड मशीनें हैं. शेष चार अंचलों में एक-एक छोटी मशीनें हैं. यहां कुल 55 वार्ड है. पिछले लगभग तीन वर्षों से नगर निगम बोर्ड भंग है. नौकरशाह ही निगम की व्यवस्था को संभाले हुए हैं.

निगम मुख्यालय से लेकर अंचल तक हाकिमों के जिम्मे ही योजनाओं का चयन से ले कर उसके क्रियान्वयन तक की जिम्मेदारी है. धनबाद नगर निगम क्षेत्र का कोई भी मुहल्ला ऐसा नहीं है, जहां पर मच्छरों का प्रकोप नहीं है. यहां के लोग होल्डिंग टैक्स सहित अन्य कर देते हैं. इसके बावजूद उन्हें कई तरह की सुविधाएं नहीं मिल रही है. नगर निगम क्षेत्र में अभी हाथ से फॉगिंग की जा रही है. बाइक पर फॉगिंग मशीन लेकर कर्मी फॉगिंग करने जाते हैं.

55 वार्डों में इन मशीनों का उपयोग रोटेशन के आधार पर होता है. इस मशीन में केमिकल की क्षमता इतनी कम है कि इसका उपयोग किसी भी वार्ड में 15 से 20 मिनट के लिए ही हो पाता है. बाइक पर सवार कर्मी वार्ड के एक-दो मुहल्ले में घूम कर मुख्य सड़क पर छिड़काव कर निकल जाते हैं. बहुत कम देर तक उपयोग होने के कारण इसका प्रभाव नहीं के बराबर पड़ता है. केमिकल भी बहुत प्रभावी नहीं है. नगर निगम के पास दो बड़ी फॉगिंग मशीनें हैं. लेकिन, एक लंबे समय से इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. सूत्रों के अनुसार निगम के पास इन मशीनों को चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है.

डेंगू, मलेरिया का रहता है डर : डॉ सतीश

मच्छरों से कई बीमारियां होने का खतरा रहता है. मलेरिया, डेंगू का प्रकोप मच्छरों के जरिये ही होता है. लोगों को मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए. कमरा के अंदर भी किसी भी केमिकल का छिड़काव सावधानी से बरतना चाहिए. किचन में तो बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करें. आस-पास भी सफाई रखें. ताकि डेंगू, मलेरिया के प्रकोप से बचा जा सके.

डॉ सतीश चंद्र, जनरल फिजिशियन

इधर नयी मशीनें खरीदने की चल रही तैयारी

धनबाद नगर निगम क्षेत्र में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए नयी फॉगिंग मशीनें खरीदने की तैयारी चल रही है. लेकिन, अब तक निविदा नहीं निकला है. अब संभवत: अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही नयी मशीनों की खरीददारी हो सकती है.

Next Article

Exit mobile version