65,335 छात्रों के पास बैंकों के 3000 करोड़ अटके

बैंकों में एनपीए : देवघर में एजुकेशन लोन लेकर वापस नहीं कर पा रहे पैसे देवघर :इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत देश-विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोन लेनेवाले देवघर के करीब 65,335 विद्यार्थियों ने 26 बैंकों के तीन हजार करोड़ से अधिक नहीं चुकाये हैं. सबसे अधिक भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2019 3:07 AM

बैंकों में एनपीए : देवघर में एजुकेशन लोन लेकर वापस नहीं कर पा रहे पैसे

देवघर :इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत देश-विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोन लेनेवाले देवघर के करीब 65,335 विद्यार्थियों ने 26 बैंकों के तीन हजार करोड़ से अधिक नहीं चुकाये हैं. सबसे अधिक भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के पैसे एजुकेशन लोन में अटके हैं. भारतीय स्टेट बैंक के 35,648 लाख रुपये एजुकेशन लोन के फंसे हुए हैं. रिकवरी की धीमी रफ्तार के कारण ही पिछले तीन वर्षों से देवघर के विद्यार्थियों को तय लक्ष्य से 50 फीसदी रकम भी एजुकेशन लोन के रूप में बैंकों ने नहीं दिया.
पते पर नहीं मिल रहे छात्र : बैंकों से एजुकेशन लोन लेनेवालों में अधिकतर इंजीनियरिंग सेक्टर के छात्र हैं. बैंकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने अपना जो पता मुहैया कराया है, आज वहां नहीं हैं. परिजन समेत किराये का मकान छोड़कर दूसरी जगह चले गये हैं, जिस वजह से फोन में संपर्क करना पड़ रहा है. इससे रिकवरी में काफी परेशानी हो रही है.
इएमआइ भरने तक सैलेरी नहीं : बैंकों को इंजीनियरिंग सेक्टर के छात्रों से रिकवरी में अधिक परेशानी हो रही है. बैंकों से चार से सात लाख रुपये तक लोन लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनेवाले छात्रों को 20 से 25 हजार रुपये तक की सैलेरी मिल रही है. वहीं, बैंकों इएमआइ 15 से 18 हजार रुपये तक होता है. ऐसे में छात्र अपना गुजारा करेंगे या इएमआइ भरेंगे. बैंकों का पैसा अटक रहा है. इंजीनियरिंग सेक्टर के लिए लोन लेने वाले अधिकतर छात्रों ने प्राइवेट संस्थानों से पढ़ाई की है.

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