अस्तित्व खो रहा संताल पहाड़िया कुष्ठ आश्रम
मधुपुर : शहर के लालगढ़ स्थित कुष्ठ रोगियों के लिए कभी स्वर्ग माने जाने वाला संताल पहाड़िया सेवा मंडल अब समाप्ति के कगार पर पहुंच चुका है. करोड़ों की संपत्ति का रखवाला कोई नहीं है. सेवा मंडल के करोड़ों का भवन और उपकरण बर्बाद हो गया है. भवन अब खंडहर में तब्दील हो रहा है. […]
मधुपुर : शहर के लालगढ़ स्थित कुष्ठ रोगियों के लिए कभी स्वर्ग माने जाने वाला संताल पहाड़िया सेवा मंडल अब समाप्ति के कगार पर पहुंच चुका है. करोड़ों की संपत्ति का रखवाला कोई नहीं है. सेवा मंडल के करोड़ों का भवन और उपकरण बर्बाद हो गया है. भवन अब खंडहर में तब्दील हो रहा है.
पूर्व में ही उक्त भवन का कीमती लकड़ी, लौहा आदि सहित अन्य सामानों की चोरी हो चुकी है. कभी इस आश्रम से मधुपुर, हंसडीहा, आमडापाडा, गोड्डा, पालोजोरी, देवघर आदि जगहों में कुष्ठ आश्रम संचालित था. इन आश्रमों में काफी चहल-पहल रहती थी. बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुष्ठ रोगी यहां आकर स्वास्थ्य लाभ करते थे.
अस्पताल में करीब 250 कर्मी पदास्थापित हुआ करते थे. लेकिन वर्तमान में यह आश्रम में अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. 22 नवंबर 1963 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सुशीला नायर ने आश्रम का उद्घाटन किया था. वर्ष 1994 तक आश्रम में रौनक थी. यहां रोगियों का इलाज के साथ-साथ पुनर्वास के लिए रेडिया, घड़ी, सिलाई, बुनाई सिखाया जाता था.
कई गांव में आश्रम के माध्यम से खादी ग्रामोद्योग भी चलाया जाता था. बताया जाता है कि संस्था में आपसी लड़ाई के कारण उक्त आश्रम पर ग्रहण लग गया और बुरा दिन प्रारंभ हो गया. अब यहां सिर्फ खंडहरनुमा भवन ही बचा है. कुछ कर्मी अब भी आश्रम में आस लगाये अपने परिवार के साथ रह रहे है कि शायद किसी मसीहा का नजर इस ओर पड़े और इसका कायाकल्प हो.