मतदान केंद्र दूर होने से होती है परेशानी

चतरा : जिले के कई प्रखंड के मतदाता 10-12 किलोमीटर की दूरी तय कर मतदान करने पहुंचते हैं. मतदान केंद्र दूर होने के कारण मतदाताओं को काफी परेशानी होती है. यही वजह है कि ऐसे क्षेत्रो में कम लोग मतदान कर पाते हैं. इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ व कलस्टर की संख्या बढ़ायी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2019 1:14 AM

चतरा : जिले के कई प्रखंड के मतदाता 10-12 किलोमीटर की दूरी तय कर मतदान करने पहुंचते हैं. मतदान केंद्र दूर होने के कारण मतदाताओं को काफी परेशानी होती है. यही वजह है कि ऐसे क्षेत्रो में कम लोग मतदान कर पाते हैं. इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ व कलस्टर की संख्या बढ़ायी गयी है. कुंदा, प्रतापपुर, हंटरगंज, लावालौंग व कान्हाचट्टी प्रखंड के लोगों को कई किलोमीटर की दूरी तय कर वोट डालने के लिए पैदल जाना पड़ता है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मतदान को लेकर लोगों में उत्साह कम देखा जा रहा है. पंचायत चुनाव को छोड़कर लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में उक्त क्षेत्र के लोगों में मतदान को लेकर रुचि नहीं देखी जा रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से नक्सल प्रभावित इलाको में मतदान को लेकर जागरूकता आयी है. मतदाताओं को घर से निकालकर मतदान केंद्रों तक ले जाने की चुनौती कार्यकर्ताओं की होती है. कुंदा प्रखंड के बूथ संख्या 272 यूएमएस सरजामातू में हेसातू, कामद, बंठा, खुशियाला गांव के लोग मतदान करने पहुंचते हैं.
उक्त गांवो की दूरी मतदान केंद्र से लगभग 10-12 किलोमीटर है. इसके अलावे गारो, बघौता, मेघरनिया, लुकुईया, बलही, हारूल, बेसरा, कमला, डोकवा, ककहिया, मडैया व सिंदरी गांव के लोगों को भी इतनी ही दूरी तय कर मतदान करने जाना पड़ता है. वृद्ध मतदाता मतदान करने नहीं पहुंच पाते हैं. कान्हाचट्टी प्रखंड के गडिया, आमकुदर, बनियाबांग समेत कई गांव के लोगों को कई किमी दूरी तय कर सहोर मतदान केंद्र आना पड़ता है.
क्या कहते हैं मतदाता : कुंदा प्रखंड के हेसातू गांव के लखन यादव ने कहा कि मतदान केंद्र दूर होने के कारण गांव के कम ही लोग मतदान करने पहुंचते हैं. लोकतंत्र के महापर्व से लोग वंचित रह जाते हैं. जगन्नाथपुर के सोमा बेगा ने कहा कि सात किमी दूरी तय कर बूथ संख्या 278 सरैयडीह जाना पड़ता है. संसाधन नहीं होने के कारण पैदल पगडंडियों के सहारे मतदान करने पहुंचते हैं. मतदान केंद्र दूर होने के कारण कम लोग ही मतदान का प्रयोग कर पाते हैं.

Next Article

Exit mobile version