अपशिष्ट निपटान की चुनौती होगी कम, बोकारो में सेल-बीएसएल ने मेसर्स आरसीपीएल के साथ किया एमओयू

बोकारो में सेल-बीएसएल ने गुरुवार को मेसर्स आरसीपीएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इससे अपशिष्ट निपटान की चुनौती कम होगी.

By Guru Swarup Mishra | March 28, 2024 10:41 PM

बोकारो: स्लैग इस्पात उत्पादक संयंत्रों का एक प्रमुख उप-उत्पाद है. यह ठोस अपशिष्ट निपटान के कार्य में एक बड़ी चुनौती है. यद्यपि स्लैग को ठोस अपशिष्ट माना जाता है, लेकिन इसमें टाइटेनियम, निकेल, जिंक, आयरन, एल्यूमीनियम, सिलिका आदि जैसे कई मूल्यवान तत्व होते हैं. इन तत्वों को रासायनिक या भौतिक प्रक्रिया द्वारा निकाल कर विभिन्न क्षेत्रों के लिए मूल्यवर्धित सामग्री के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. औद्योगिक अपशिष्ट स्लैग को मूल्यवर्धित उत्पाद में परिवर्तित करने के लिए सेल बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) ने मेसर्स राम चरण कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (आरसीपीएल), चेन्नई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. बीएसएल के पास एलडी स्लैग का विशाल भंडार है, जिसका उपयोग इस एमओयू के माध्यम से लाभप्रद रूप से किया जा सकता है.

इस्पात उद्योग के लिए बड़ी चुनौती है एलडी स्लैग का उपयोग
एलडी स्लैग का उपयोग इस्पात उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है. वर्तमान में सेमी-कंडक्टर उद्योग में उपयोग के लिए सिलिकॉन कार्बाइड को ज्यादातर उच्च लागत पर आयात किया जाता है. बीएसएल की यह पहल न केवल संभावित रूप से अपशिष्ट निपटान की चुनौती को कम करेगी, बल्कि यदि पायलट परीक्षण सफल रहा, तो इससे एलडी स्लैग उपयोग के क्षेत्र में पूरी तरह से नये रास्ते खुल जायेंगे. उल्लेखनीय है कि आरसीपीएल के पास स्लैग को मूल्य वर्धित उत्पादों में बदलने की तकनीक है. चूंकि सिलिकॉन डाइऑक्साइड स्टील स्लैग का प्रमुख घटक है, इसलिए सिलिकॉन कार्बाइड वेफर्स निकालने के लिए स्लैग में सिलिका सामग्री को इलेक्ट्रो-रासायनिक रूप से निकला जाता है, जो सेमी कंडक्टर उद्योग के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण इनपुट सामग्री है.

500 टीपीडी तक की क्षमता वाले रिएक्टर बनाने के लिए समझौता
समझौता ज्ञापन के तहत सेल-बीएसएल और मेसर्स आरसीपीएल ने स्लैग को मूल्य वर्धित उत्पादों में बदलने के लिए 50 टीपीडी की आरसीपीएल द्वारा डिजाइन की गयी पायलट स्केल मॉड्यूलर इकाई स्थापित करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है. यदि आउटपुट संतोषजनक रहा तो बीएसएल व आरसीपीएल दोनों पक्षों द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों के अधीन 100 टीपीडी से 500 टीपीडी तक की क्षमता वाले रिएक्टर बनाने के लिए आरसीपीएल के साथ समझौता किया जा सकता है. समझौता ज्ञापन पर एमडी-आरसीपीएल कौशिक पालीचा व बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण) पीके बैसाखिया ने बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया.

ये थे मौजूद
मौके पर मुख्य महाप्रबंधक (एमआरडी एवं एसएमएस-न्यू) आर धवन, मुख्य महा प्रबंधक (सेवाएं) अनिल कुमार, मुख्य महा प्रबंधक(एसएमएस-II & सीसीएस) अरविन्द कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) एमपी सिंह और महाप्रबंधक (ईसीएस) एनपी श्रीवास्तव उपस्थित थे.

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