केस डायरी लिखने में बरतें सावधानी

अनुसंधान का बेहतर तरीका बताने के लिए पुलिस लाइन में सेमिनार, बोले एसपी बोकारो : सेक्टर 12 स्थित पुलिस लाइन में रविवार को पुलिस अधिकारियों के लिए सेमिनार हुआ. सेमिनार में आये पुलिस पदाधिकारियों को केस के अनुसंधान का बेहतर तरीका बताया गया. सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि एसपी वाइएस रमेश मौजूद थे. मौके पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 6:29 AM

अनुसंधान का बेहतर तरीका बताने के लिए पुलिस लाइन में सेमिनार, बोले एसपी

बोकारो : सेक्टर 12 स्थित पुलिस लाइन में रविवार को पुलिस अधिकारियों के लिए सेमिनार हुआ. सेमिनार में आये पुलिस पदाधिकारियों को केस के अनुसंधान का बेहतर तरीका बताया गया. सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि एसपी वाइएस रमेश मौजूद थे. मौके पर मुख्यालय डीएसपी अजय कुमार-1, सिटी डीएसपी अजय कुमार, सीसीआर डीएसपी रजत माणिक बाखला समेत जिले के सभी डीएसपी, एसडीपीओ, इंस्पेक्टर, थानेदार, बोकारो व तेनुघाट कोर्ट से जुड़े लोक अभियोजक,
अपर लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक व सहायक लोक अभियोजक मौजूद थे. एसपी रमेश ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को अनुसंधान का बेहतर तरीका जानना बहुत जरूरी है. अनुसंधान में पुलिस अधिकारियों द्वारा की गयी कमी का फायदा अपराधियों को मिलता है. अनुसंधान में की गयी छोटी सी गलती व भूल के कारण बड़े-बड़े से अपराधी जेल से बरी हो जाते हैं.
मात्र दस प्रतिशत मामलों में मिलती है सजा : एसपी ने कहा : अमेरिका के पुलिस अधिकारियों के बेहतर अनुसंधान के कारण ही वहां 80 प्रतिशत मामलों में अपराधियों को सजा मिलती है, जबकि भारत में मात्र 10 प्रतिशत मामलों में ही अपराधियों को सजा मिलती है. पुलिस अधिकारियों द्वारा अनुसंधान के दौरान की गयी छोटी सी चूक का फायदा अपराधियाें को मिलता है. एसपी ने बताया : दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, लूट, डकैती, हत्या व चोरी के मामले में पुलिस अधिकारी को घटना स्थल पर पहुंच कर ठीक तरीके से साक्ष्य इकट्ठा कर उसे जांच के लिए फॉरेंसिंक लैब भेजना चाहिए. फॉरेंसिक लैब में भेजे गये समान को ठीक तरीके से सील किया जाना चाहिए. फॉरेंसिक लैब द्वारा प्रमाणित किये गये साक्ष्य से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता है और उसे सजा मिलनी तय है. सेमिनार के दौरान पुलिस अधिकारियों को घटना स्थल से साक्ष्य इकट्ठा करने, साक्ष्य को सील करने, मेडिकल व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को डायरी में ठीक तरीके से लिखने का तरीका बताया गया. पुलिस अधिकारियों ने सेमिनार में आये सरकारी वकील से अनुसंधान के संबंध में कई तरह का सवाल भी पूछा.

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