नगर की बदहाली के खिलाफ प्रदर्शन

बोकारो : बोकारो नगर की बदहाली के खिलाफ शुक्रवार को जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बीके चौधरी के नेतृत्व में इस्पात कर्मियों व आवास धारियों ने नगर सेवा भवन के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. श्री चौधरी ने कहा कि गत 27 अप्रैल को महाप्रबंधक नगर प्रशासन व सात मई को अधिशासी निदेशक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 8, 2019 6:20 AM

बोकारो : बोकारो नगर की बदहाली के खिलाफ शुक्रवार को जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बीके चौधरी के नेतृत्व में इस्पात कर्मियों व आवास धारियों ने नगर सेवा भवन के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. श्री चौधरी ने कहा कि गत 27 अप्रैल को महाप्रबंधक नगर प्रशासन व सात मई को अधिशासी निदेशक के साथ जय झारखंड मजदूर समाज के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई थी. इसमें सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा है.

उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर सभी समस्याओं का निदान नहीं किया गया, तो यूनियन प्लांट के उत्पादन को बाधित कर नगर सेवा भवन में भी ताला बंदी करने से भी पीछे नहीं हटेगी. श्री चौधरी ने कहा : बोकारो नगर की स्थिति बदतर से बदहाल हो रहा है. शहर में गंदगी, पानी, बिजली, स्ट्रीट नाली की सफाई, अतिक्रमण, आवासों का दुर्दशा, वर्षों से खाली परे हजारों क्वार्टर खंडहरों में बदलते जा रहे हैं. दर्जनों स्कूल व क्लब का दरवाजा, खिड़की व अन्य सामग्री की दिन दहाड़े लूट हो रही है.
वही दूसरी ओर वर्षों से प्लांट की सेवा कर चुके सेवानिवृत्त इस्पात कर्मचारियों को इएफ टाइप व डी टाइप आवासों को लाइसेंस पर देने में टाल मटोल जारी है. वही लाइसेंस पर दिये गये क्वार्टर का भाड़े में हर वर्ष बेतहाशा वृद्धि की जा रही है, दूसरी तरफ खासकर सेक्टर 8,9,6,11 व बीजीएच से सेक्टर 9 आने जाने वाले कर्मचारियों को गाड़ी चलाना या पैदल चलना मुश्किल हो चुका है.
ठेका मजदूरों का हो रहा शोषण : श्री चौधरी ने कहा : आज बोकारो स्टील प्लांट में कर्मचारियों की संख्या घट कर 11500 हो चुकी है, इस्पात कर्मियों की कमी आज ठेका मजदूरों से पूरा की जा रही है. दोनों मिलकर नया कृतिमान स्थापित कर रहे है. इसके बावजूद इस्पात कर्मियों का वेज रिविजन, लिवइन कैसमेंट, इंसेंटिव रिवार्ड में बढ़ोतरी आदि के साथ-साथ ठेका मजदूरों का आर्थिक व मानसिक शोषण बढ़ता जा रहा है. ठेका मजदूरों का बायोमीट्रिक द्वारा हाजरी नहीं बना कर प्रबंधन प्रत्यक्ष रुप से ठेकेदार को लाभ पहुंचा रहा हैं.

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