अपनों ने छोड़ा साथ, तो मदद के लिए बढ़े ये हाथ…

बेरमो : रास्ते के भिखारी को कुछ लोग नजरअंदाज करके निकल जाते हैं. कई बार हाथ फैलाने वाले तकलीफ में होते हैं, पैर में चोट होती है या शरीर में दूसरी जगह जख्म के निशान होते हैं. किसी को अगर यह तकलीफ नजर आयी और थोड़ी संवेदना जगी, तो मदद के रूप में कुछ पैसे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2018 7:18 PM

बेरमो : रास्ते के भिखारी को कुछ लोग नजरअंदाज करके निकल जाते हैं. कई बार हाथ फैलाने वाले तकलीफ में होते हैं, पैर में चोट होती है या शरीर में दूसरी जगह जख्म के निशान होते हैं. किसी को अगर यह तकलीफ नजर आयी और थोड़ी संवेदना जगी, तो मदद के रूप में कुछ पैसे दे दिये. कुछ लोग मुंह फेरकर आगे बढ़ जाते हैं, तो कुछ मदद कर देते हैं.

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हाथ में सिर्फ पैसे देकर ही आगे नहीं बढ़ते बल्कि उनका हाथ थाम लेते हैं, उनकी तकलीफ से खुद को जोड़ लेते हैं. बेरमो के रहने वाले कुछ बच्चों ने एक ऐसे ही गरीब इंसान की मदद की. बोकारो जिले के बेरमो में संडे बाजार के रहने वाले भुइंया गोप तकलीफ में थे. उनके पैर में चोट इतनी गंभीर थी कि उसमें कीड़े लगने लगे थे. उनका इलाज कराने वाला कोई नहीं था और ना वह खुद अस्पताल तक जा रहे थे. अभिमन्यू पासवान और शिबू रवानी ने जब भुइंया को देखा तो उनकी मदद के लिए आगे आये.

प्रभात खबर डॉट कॉम से बात करते हुए अभिमन्यू ने बताया कि भुइंया के दो बेटे हैं, दोनों ने उन्हें छोड़ दिया. भुइंया सीसीएल में काम करते थे लेकिन अब उनके पास कोई रोजगार नहीं है. वह सड़क पर भटकते हैं, दूसरे के घरों में काम करते हैं. पता नहीं कब उनके पैर में जख्म हुआ और उसमें कीड़े लग गये. हम सबसे पहले उन्हें मिशन हॉस्पिटल जारंगडीह लेकर गये. वहां डॉक्टरों ने कहा कि इनके पैर के जख्म गहरे हैं और कीड़े लगे हैं. इन्हें फुसरो के अस्पताल ले जाइये. जब हम उन्हें वहां लेकर गये तो वहां के डॉक्टर ने रिम्स या पीएमसीएच ले जाने की सलाह दी. हमने वहीं से ऐंबुलेंस में उन्हें धनबाद के पीएमसीएच भेज दिया. वहां भी हमारे दोस्त लगातार उनका ध्यान रखते रहे.
दो दिनों के बाद अभिमन्यू और शिबू पीड़ित भुइयां से मिलने अस्पताल पहुंचे. दोनों ने मिलकर पहले भुइयां के लिए जरूरत का सामान खरीदा जिनमें कुछ कपड़े0, दवाईयां और खाने पीने का सामान था0. वहां पहुंचकर उन्होंने नाई को बुलाकर भुइंया की बाल और दाढ़ी कटवायी. डॉक्टरों से बातचीत के बाद दोनों संतुष्ट हुए कि भुइंया की स्थिति पहले से अच्छी है और उनके जख्म तेजी से भर रहे हैं.

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