15 साल बाद साधु के वेश में घर पहुंचा जीवलाल
चंद्रपुरा: चंद्रपुरा प्रखंड के घटियारी गांव से 15 साल पहले गायब हुआ 12 साल का बालक जीवलाल महतो गुरुवार को साधु के वेश में अपना घर पहुंचा. उसने अपनी मां से भिक्षा मांगी. उसके घरवाले व गांव वालों ने उसे पहचान लिया. ललाट पर कटे का निशान व चेहरे से हूबहू व तंदुरुस्त दिख रहे […]
चंद्रपुरा: चंद्रपुरा प्रखंड के घटियारी गांव से 15 साल पहले गायब हुआ 12 साल का बालक जीवलाल महतो गुरुवार को साधु के वेश में अपना घर पहुंचा. उसने अपनी मां से भिक्षा मांगी. उसके घरवाले व गांव वालों ने उसे पहचान लिया.
ललाट पर कटे का निशान व चेहरे से हूबहू व तंदुरुस्त दिख रहे जीवलाल ने भी अपने परिवार वालों, गांव के मित्रों व अन्य को पहचान लिया़ पहचान के अलावा सभी का नाम तक उसे याद था़ गांव में इसे लेकर उत्सुकता फैल गयी़ लोग उसे देखने आने लग़े समाचार के अनुसार बुधवार को साधु के वेश में आये जीवलाल महतो ने पहचाने जाने के बाद मां से कहा कि मां मुङो भिक्षा दे दो, मैं चला जाऊंगा़ मां ने कहा कि बेटा तूङो देखने कई रिश्तेदार आ रहे हैं.
एक दिन रुक जाओ़ वह रुका मगर घर पर नहीं चंद्रपुरा स्टेशन पऱ आज फिर से वह घर आया़ गांव के लोग उससे मिलने पहुंचने लग़े खबर मिलने के बाद काफी रिश्तेदार भी उससे मिले व उसका हालचाल लिया़ उसके माता पिता ने बेटे से कहा कि गायब होने के बाद उसे काफी खोजा गया मगर वह नहीं मिला़ उन्होंने तो उसके जिंदा होने की आस भी छोड़ दी थी, भगवान ने उसे फिर से मिला दिया. उसके कई गानों से लोगों की आंखें नम हो गयी़
डांटे जाने के बाद भागा था जीवलाल : चंद्रपुरा स्टेशन से सटे घटियारी गांव के भुवनेश्वर महतो व सरस्वती देवी का छोटा पुत्र जीवलाल 15 साल पहले घरवालों के डांटे जाने के बाद घर से निकल गया़ उसके अनुसार चंद्रपुरा में एक ट्रेन में बैठकर वह पहले आसनसोल व उसके बाद कोलकाता पहुंच गया़ भूखे प्यासे वह भटक रहा था तभी उसे दो साधु मिले. साधुओं ने उसे खिलाया-पिलाया व उसे लेकर गोरखपुर के देवी पाटन भगवतिया घाट बिटो मंदिर चले गय़े वहीं उसने गुरु से दीक्षा लेनी शुरू की. अब यह दीक्षा पूर्ण होनी है. इसके लिए वह मां से भिक्षा लेने आया है. मां कुछ समझ नहीं पा रही है कि क्या करें, लेकिन घरवाले उसे जाने देने को तैयार नहीं हैं.