तीन नन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ हुई छापेमारी

रांची : राजधानी के तीन नन बैकिंग कंपनी के दफ्तर में पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को छापेमारी की. लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कांटाटोली के समीप स्थित विश्वामित्र इंडिया परिवार के दफ्तर, कोतवाली थाना क्षेत्र के एसएन गांगुली रोड स्थित वेलफेयर ग्रुप ऑफ कंपनी और लाइन टैंक रोड स्थित यूनीवर्ल्ड के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2017 7:46 AM
रांची : राजधानी के तीन नन बैकिंग कंपनी के दफ्तर में पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को छापेमारी की. लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कांटाटोली के समीप स्थित विश्वामित्र इंडिया परिवार के दफ्तर, कोतवाली थाना क्षेत्र के एसएन गांगुली रोड स्थित वेलफेयर ग्रुप ऑफ कंपनी और लाइन टैंक रोड स्थित यूनीवर्ल्ड के दफ्तर में छापेमारी हुई.
पुलिस ने विश्वामित्र इंडिया परिवार का दफ्तर सील कर दिया है. वहां से कुछ पेपर भी जांच के लिए जब्त किये गये हैं. कंपनी के कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. विश्वामित्र परिवार के बारे में पुलिस को पता चला है कि यह कंपनी अपने अधीन कुछ अन्य कंपनी और सोसाइटी बना कर लोगों से निवेश कराती है. वहीं,
दूसरी ओर वेलफेयर ग्रुप ऑफ कंपनी और यूनीवर्ल्ड के दफ्तर से कंपनी से भी जुड़े विभिन्न दस्तावेज जांच के लिए जब्त किये गये हैं. मामले में इन कंपनी से जुड़े लोगों को अपना पक्ष रखने और पूछताछ के लिए कुछ लोगों को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया है. दोनों कंपनी के दस्तावेज की जांच पुलिस कर रही है. खबर लिखे जाने जाने तक दोनों कंपनियां के दफ्तर सील किये जाने की प्रक्रिया जारी थी.
उल्लेखनीय है कि राजधानी के कुछ स्थानों पर नन बैंकिंग कंपनी चलाये जाने की सूचना एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को मिली थी. उनके द्वारा सिटी एसपी और एसडीओ के नेतृत्व में कार्रवाई के लिए एक टीम का गठन किया गया. इसके बाद जिला पुलिस की टीम ने मजिस्ट्रेट के साथ मिल कर तीन कंपनी के ठिकाने पर छापेमारी की. प्रारंभिक जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि कंपनी के द्वारा बड़े पैमाने पर कस्टमर को अधिक ब्याज देने के नाम पर उनसे निवेश कराया गया.
कंपनी में कितने लोगों ने निवेश किया है, निवेशकों के कितने रुपये कंपनी के पास हैं, निवेशकों से रुपये लेकर कंपनी ने कहां-कहां इंवेस्ट किया है, इसके बारे में पुलिस गहराई से जांच कर रही है. जांच में कंपनी द्वारा धोखाधड़ी का आरोप साबित होने पर पुलिस कंपनी और उसके अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करेगी.

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