सीआइडी ने डीएसपी, इंस्पेक्टर व अन्य अभियुक्तों को दी क्लीन चिट

जमशेदपुर : मानगो सहारा सिटी की नाबालिग से दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीआइडी ने 13 माह बाद डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत अन्य अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी है. सीआइडी डीएसपी बिनोद रब्बानी ने इस मामले में 16 सितंबर को हाइकोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता का मोबाइल लोकेशन उसके द्वारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 1, 2019 6:57 AM

जमशेदपुर : मानगो सहारा सिटी की नाबालिग से दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीआइडी ने 13 माह बाद डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत अन्य अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी है. सीआइडी डीएसपी बिनोद रब्बानी ने इस मामले में 16 सितंबर को हाइकोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता का मोबाइल लोकेशन उसके द्वारा बताये गये जगहों पर नहीं पाया गया. एमजीएम थाना परिसर में थाना प्रभारी पर लगाये गये आरोप का साक्ष्य नहीं मिला. पीड़िता पक्ष द्वारा सौंपी गयी सीडी की भी जांच की गयी, लेकिन उसमें पुलिस अधिकारी की संलिप्तता नहीं मिली.
पीड़िता द्वारा अलग-अलग जगहों पर दुष्कर्म की बात कही गयी थी, लेकिन जब मोबाइल टावर के लोकेशन की जांच की गयी, तो वह सहारा सिटी में पाया गया. सहारा सिटी के सुरक्षा गार्ड मो अहमद, विजय कुमार दास और रमेश प्रसाद झा ने पूछताछ में बताया, पीड़िता सहारा सिटी के बाहर किसी के साथ नहीं गयी और न ही किसी वाहन में गयी थी.
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता का पुन: बयान लिया गया, जिसमें उसने पूर्व में दिये गये बयान को ही दोहराया. जांच अधिकारी पीड़िता के साथ 24 सितंबर को दस स्थान पर गये, जहां उसने घटना होने की बात बतायी थी, लेकिन जांच अधिकारी ने पाया कि पूर्व में दिये गये बयान से पीड़िता के बयान की समानता नहीं हो पा रही थी.
सीएम से शिकायत के बाद सीआइडी को मिला था जांच का जिम्मा : पुलिस की जांच से संतुष्टि नहीं मिलने पर पीड़िता ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी. इसके बाद 26 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंपा था. इस मामले में सीआइडी के तीन अनुसंधानकर्ता बदल चुके हैं. मुख्यमंत्री ने एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.

Next Article

Exit mobile version