बिना रांची नगर निगम की अनुमति के रॉक गार्डेन पर बनाया रेस्टोरेंट, मैरेज हॉल

रांची: राजधानी के प्रख्यात पर्यटन स्थलों में शुमार है कांके रोड स्थित रॉक गार्डेन. अवैध निर्माण के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है. इस गार्डेन की देखरेख की जिम्मेवारी आरआरडीए ने जिस ठेकेदार को दी है, उसने ही इस पहाड़ का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया है. जगह-जगह कंक्रीट की बड़ी दीवारें व भवन तो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2014 8:11 AM

रांची: राजधानी के प्रख्यात पर्यटन स्थलों में शुमार है कांके रोड स्थित रॉक गार्डेन. अवैध निर्माण के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है. इस गार्डेन की देखरेख की जिम्मेवारी आरआरडीए ने जिस ठेकेदार को दी है, उसने ही इस पहाड़ का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

जगह-जगह कंक्रीट की बड़ी दीवारें व भवन तो खड़े किये जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए न तो नगर निगम से और न ही आरआरडीए से सहमति ली गयी है. इस गार्डेन का संचालन कर रही एजेंसी नर्स नोक थीम पार्क प्रालि इस पार्क में दो-तीन मंजिला भवन का निर्माण कर रही है. इसके लिए चट्टानों में काट-छांट की गयी है. इन तीन मंजिले भवनों में रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, फास्ट फूड स्टोर, मैरेज हॉल सहित रात्रि विश्रम की भी व्यवस्था होगी.

कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
वर्ष 2012 में उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस भगवती प्रसाद द्वारा राज्य के नदी-नाला, पहाड़ को ओपेन स्पेस घोषित करते हुए इन्हें संरक्षित करने का निर्देश दिया था. जस्टिस प्रसाद ने जिला प्रशासन व नगर निगम को निर्देश दिया था कि ऐसे अतिक्रमण को हर हाल में हटाया जाना चाहिए. राज्य के पहले नगर विकास मंत्री बच्च सिंह द्वारा यह पार्क 21 साल के लिए नर्स नोक थीम पार्क प्रालि नामक कंपनी को दिया गया था. एग्रीमेंट के अनुसार, पार्क प्रबंधन प्रतिवर्ष 18 लाख रुपये आरआरडीए को देगा. वहीं तीन साल में इस राशि में 15 प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी.

रॉक गार्डेन में किसी तरह का अतिक्रमण नहीं किया गया है. हमने पहाड़ के खाली स्थलों पर भवन बनाया है. हमारे एग्रीमेंट में ही पार्क को डेवलप करने का नियम था. उसके तहत हमने भवन का निर्माण किया है. रही बात नक्शा पास करने की, तो इन भवनों के नक्शे का आवेदन निगम में जमा है, पर अब तक नक्शे स्वीकृत नहीं हुए हैं.

रामाधार सिंह, मैनेजर, रॉक गार्डेन

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