Delhi Coronavirus : केजरीवाल सरकार ने कैसे कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाया, एक रिपोर्ट

Delhi Coronavirus Outbreak, Delhi CM Arvind Kejriwal : बीते कुछ माह से कोरोना वायरस (Covid-19) पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में ये जानलेवा वायरस विदेशों से अंतरराष्ट्रीय विमानों से आई. देश के कई बड़े शहर में कोरोना कहर बरपा रखा है. देश की राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं रही. मार्च माह तक 35 हजार यात्री विदेशों से दिल्ली आए. भारत में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन (Lockdown) लागू किया गया जो कुछ हद तक कामयाब साबित हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2020 4:34 PM

बीते कुछ माह से कोरोना वायरस (कोविड-19) पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में ये जानलेवा वायरस विदेशों से अंतरराष्ट्रीय विमानों से आई. देश के कई बड़े शहर में कोरोना कहर बरपा रखा है. देश की राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं रही. मार्च माह तक 35 हजार यात्री विदेशों से दिल्ली आए. भारत में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया जो कुछ हद तक कामयाब साबित हुआ.

सबकुछ बंद होने के कारण देश आर्थिक संकट में आ गया. तब, देश की आर्थिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक जून से देश में Unlock 1 की प्रक्रिया शुरू हुई. और ये दिल्ली के लिए घातक साबित हुआ. जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े थे. जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने कई बड़े कदम उठाए. जिस कारण अब हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रहे हैं. बता दें कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह तक दिल्ली में 3258 मौतों के साथ कोरोना का कुल आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है. आइए डालते हैं केजरीवाल सरकार के बड़े कदमों पर एक नजर..

ज्यादा परीक्षण के बाद भी केस हुए कम

दिल्ली सरकार के मुताबिक वो हमेशा से ही ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दे रही थी. 31 मई तक दिल्ली में प्रति 10 लाख पर 10,500 टेस्ट हुए, जो अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा थे. इसके बाद जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में रोजाना 5500 के करीब टेस्ट हो रहे थे. एक महीने के अंदर इस संख्या को चार गुना बढ़ा दिया गया है. जुलाई के पहले हफ्ते की बात करें, तो अब 21 हजार के करीब टेस्ट रोजाना हो रहे हैं. 23 जून के बाद से दिल्ली में रोजाना आने वाले कोरोना के केस में भी कमी आई है. सरकार ने होम आइसोलेशन की जो व्यवस्था की वह भी बहुत कारगर साबित हुआ.

होम आइसोलेशन और जागरूकता

दिल्ली में 80 प्रतिशत कोरोना के मामले हल्के या बिना लक्षण वाले मिले, ऐसे में दिल्ली सरकार ने उन्हें घर पर ही आइसोलेट करने की व्यवस्था शुरू की. इस दौरान डॉक्टर लगातार फोन के जरिए मरीजों के संपर्क में रहे. दिल्ली सरकार के इस फैसले से लोगों को दो अहम फायदे हुए. एक तो अस्पताल में जरूरतमंदों को बेड की कमी नहीं हुई, दूसरा अब लोग इस बात के लिए भी जागरुक हो रहे हैं कि कोरोना वायरस से घर पर रहकर भी ठीक हुआ जा सकता है. लोगों में अब कोरोना का डर भी धीरे-धीरे कम हो रहा है, हालांकि अभी भी सरकार लोगों से ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने की अपील कर रही है.

ज्यादा परीक्षण और आइसोलेशन

जून में जब मामले तेजी से बढ़ने लगे तो दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से कोरोना जांच की गति काफी तेज कर दी. इतना ही नहीं कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई और उन्हें आइसोलेट किया गया. ट्रेसिंग के कारण दिल्ली में हजारों मरीज और उनके परिजन रोजाना आइसोलेट होने लगे. इस रणनीति की सफलता जल्द ही दिखने लगी. कोरोना मामलों की संख्या दिन पर दिन घटने लगी. 16 जून के बाद से नये मामलों में अपेक्षाकृत कमी देखी जा रही है.

लोगों का डर हुआ कम

कोरोना के कारण स्वास्थ्य की आपात चुनौतियों के बीच महामारी प्रबंधन से जुड़े लोगों का जनता के मन से भय निकालना जरूरी था. अनलॉक 1 में मामलों की संख्या अचानक से बढ़ी तो दिल्ली की जनता और ज्यादा डर गयी. इसमें सबसे बड़ा रोल निभाया सोशल मीडिया ने. तब दिल्ली सरकार ने लोगों के भय से डर कम करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए.

अस्पतालों में बढ़ाई सुविधा

जून की शुरुआत में दिल्ली में 8 ही अस्पताल थे, जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे थे. इन अस्पतालों में बेड की संख्या भी सिर्फ 700 ही थी. इसके बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कई अहम फैसला लिए. इसमें सभी 50 से ज्यादा बेड वाले अस्पतालों को 40 प्रतिशत बेड कोविड-19 मरीजों के लिए रखने की अनिवार्यता की गई. इससे राजधानी में बेड की संख्या 700 से बढ़कर 5000 हो गई. इसमें कई सारे होटल और अन्य अस्पतालों को भी जोड़ा गया. दिल्ली सरकार के प्रयासों से ही मौजूदा वक्त में राजधानी में बेड की क्षमता 15 हजार से ज्यादा है.

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली कोरोना ऐप लॉन्च किया

देश में पहली बार केजरीवाल सरकार ने दिल्ली कोरोना ऐप लॉन्च किया. इसके जरिए लोग पता कर सकते हैं कि किस अस्पताल में कितना बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली है. इससे कोविड-19 मरीजों में बेड न मिलने का खौफ कम हुआ. इसके साथ 24*7 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया जहां से दिल्ली के अस्पताल और उसमें खाली बेडों की जानकारी दी जाने लगी. इसके अलावा कोरोना मरीज जिनका घरपर इलाज हो रहा था उनको डॉक्टर की काउसलिंग की सुविधा दी गई.

बनाया गया वॉर रूम

कई बार कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है, ऐसे में होम आइसोलेशन वाले सभी मरीजों को सरकार द्वारा सिर्फ एक कॉल में ऑक्सीमीटर दिया जा रहा है. दिल्ली में एंबुलेंस की कमी न हो और वो वक्त पर मरीजों के पास पहुंचे, इसके लिए वॉर रूम बनाया गया है. वहीं मृत्यु दर को कम से कम रखने के लिए बड़े पैमाने पर प्लाज्मा थेरेपी मरीजों को दी जा रही है. साथ ही सीएम केजरीवाल खुद लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं.

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