Coronavirus Pandemic : दिल्ली के कोरोना प्रभावित इलाकों में होगी एक लाख लोगों की जांच, ऐसी है केजरीवाल सरकार की तैयारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को पांच सूत्री कार्य योजना की घोषणा की और कहा कि शहर के अति प्रभावित क्षेत्रों में बिना किसी क्रम के एक लाख लोगों को चुनकर उनकी जांच की जाएगी। वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यदि शहर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते रहे और सक्रिय मामले 30000 तक चले गये तो दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से निजी अस्पतालों एवं होटलों के 12000 कमरे अपने अधीन ले लेगी

By PankajKumar Pathak | April 7, 2020 7:45 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को पांच सूत्री कार्य योजना की घोषणा की और कहा कि शहर के अति प्रभावित क्षेत्रों में बिना किसी क्रम के एक लाख लोगों को चुनकर उनकी जांच की जाएगी.

वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यदि शहर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते रहे और सक्रिय मामले 30000 तक चले गये तो दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से निजी अस्पतालों एवं होटलों के 12000 कमरे अपने अधीन ले लेगी . मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन निजी अस्पतालों– मैक्स साकेत (318), अपोलो (50) और गंगाराम अस्पताल (42) में 400 बिस्तर तय किये हैं.

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उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल, जी बी पंत अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को विशेष कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘फिलहाल, इस समय 2,950 बेड कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित हैं. यदि कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले 3000 को पार कर गये तो हम जीटीबी अस्पताल में 1500 बिस्तरों का उपयोग करेंगे और इसके बाद हमारे पास 4500 मामलों के लिए व्यवस्था होगी.”

उन्होंने कहा कि अबतक दिल्ली में कोरोना वायरस के 523 मामले हैं. योजना के अनुसार सरकार कोविड-19 के ऐसे 10000 मरीजों के लिए विवाहघरों एवं धर्मशालाओं में प्रबंध करेगी जिन्हें यकृत, हृदय संबंधी रोग नहीं हैं और वे 50 साल से कम उम्र के हैं. मुख्यमंत्री ने पांच सूत्री कार्य योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, ‘‘इसमें पांच टी शामिल हैं. इनमें टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार), टीम-वर्क (मिलकर काम करना) और ट्रैकिंग (नजर रखना) हैं.” पहले टी के तहत सरकार अति प्रभावित क्षेत्रों में एक लाख जांच कराएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ बिना बड़े पैमाने पर परीक्षण के वायरस तेजी से फैल सकता है. दक्षिण कोरिया ने बड़े पैमाने पर परीक्षण के माध्यम से प्रभावित लोगों की पहचान की. हम बड़े पैमाने पर परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘ 50,000 किटों की खरीद का ऑर्डर दिया गया है और अब आपूर्ति होने भी लगी है. जब जांच किट आने लगेंगे तब हम शुक्रवार से एक लाख लोगों का तीव्र परीक्षण शुरू करेंगे.”

ये परीक्षण निजामुद्दीन और दिलशाद गार्डन जैसे अतिप्रभावित क्षेत्रों में किये जाएंगे. निजामुद्दीन मरकज देश में अतिप्रभावित क्षेत्र के रूप में उभरा है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के फोन नंबर पुलिस को देंगे ताकि उनका पता लगाया जा सके कि उन्होंने आसपास के इलाकों में आवाजाही की थी या नहीं.”

उन्होंने कहा कि उन लोगों का प्रभावी तरीके से पता लगायेगी जो कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये हैं और ऐसे 27,702 लोगों के फोन नंबर पुलिस को उनकी आवाजाही पर नजर रखने के लिए दिये गये हैं जिन्हें पृथक वास का निर्देश दिया गया है. केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने 30 हजार मामलों से निपटने का बंदोबस्त कर लिया है.

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