केंद्र सरकार कर रही है दिल्ली सरकार के अधिकारों का हनन- मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने गोपनीय तरीके से दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के कानून को मंजूरी दी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 5, 2021 2:28 PM

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने गोपनीय तरीके से दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के कानून को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार के कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित यह बिल लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ है. गोपनीय तरीके से बनाए गए कानून द्वारा बीजेपी उपराज्यपाल के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करने की तैयारी में है.

  • केंद्र सरकार के कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित यह बिल लोकतंत्र व संविधान की आत्मा के खिलाफ- मनीष सिसोदिया

  • गोपनीय तरीके से बीजेपी उपराज्यपाल के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करने की तैयारी में है- मनीष सिसोदिया

  • भाजपा की केंद्र सरकार एलजी की शक्तियां बढ़ाकर दिल्ली के विकास को रोकने की तैयारी में है- मनीष सिसोदिया

  • संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक आर्डर के अतिरिक्त एलजी को अन्य शक्तियां भी देगा- मनीष सिसोदिया

  • यह बिल जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां देगा – मनीष सिसोदिया

भाजपा की केंद्र सरकार एलजी की शक्तियां बढ़ाकर दिल्ली के विकास को रोकने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक आर्डर के अतिरिक्त एलजी को अन्य शक्तियां भी देगा. यह बिल जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां प्रदान करेगा.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस वार्ता में बताया कि केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गोपनीय तरीके से दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के कानून को मंजूरी दी है. इस कानून से एलजी की शक्तियां बढ़ेंगी और दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास दिल्ली की जनता के हितों के लिए निर्णय लेने का अधिकार नही बचेगा. यह लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ है.

संविधान में यह साफ-साफ लिखा है कि दिल्ली-पुलिस, भूमि और पब्लिक ऑर्डर के अतिरिक्त दिल्ली में बाकी सभी निर्णय चुनी हुई सरकार द्वारा लिए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ द्वारा संविधान की व्याख्या करते हुए जनता द्वारा चुनी हुई सरकार और एलजी के अधिकारों को निश्चित किया गया था, लेकिन संविधान के खिलाफ जाते हुए 3 बार दिल्ली में हार का मुंह देख चुकी बीजेपी इस कानून के माध्यम से पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करना चाहती है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस कानून के माध्यम से एलजी पहले की तरह जानता के हितों के हर मामले में दखल देंगे और दिल्ली के विकास को रोकने का काम करेंगे. पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार ने जो भी फैसले लिए एलजी ने उसमें हमेशा व्यवधान उत्पन्न किया. मोहल्ला क्लिनिक, सीसीटीवी, मुफ्त बिजली, पानी, स्कूलों के विकास की फाइलों को एलजी द्वारा ठंडे बस्ते में डाला गया.

श्री सिसोदिया ने कहा कि गोपनीय तरीके से बनाया गया यह कानून दोबारा दिल्ली के विकास को रोकेगा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी यह नही चाहती है कि दिल्ली के लोगों को विश्व स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, मुफ्त में बिजली और पानी मिल सके. बीजेपी स्वयं के शाषित राज्यों की जनता को तो मूलभूत सुविधाओं से वंचित रख रही है, पर दिल्ली की जनता से भी उनकी सुविधाएं छीनना चाहती है. इसलिए एलजी को संविधान के खिलाफ जाते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से निरंकुश शक्तियां दी जा रही है.

Posted by : Pritish Sahay

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