आठ माह बाद खुला स्कूल, निजी स्कूलों में कम तो सरकारी में नदारद रहे बच्चे

सरकार द्वारा कोरोना बचाव की गाइडलाइन के साथ जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित सरकारी एवं निजी विद्यालय सोमवार से खोला गया.

By Prabhat Khabar | September 29, 2020 4:21 AM

सुपौल : सरकार द्वारा कोरोना बचाव की गाइडलाइन के साथ जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित सरकारी एवं निजी विद्यालय सोमवार से खोला गया. इसको लेकर प्रशासन द्वारा अभिभावकों से विद्यालय खोले जाने के संबंध में फीडबैक मांगा गया था. सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक फिलहाल कक्षा 09 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिये विद्यालय खोला गया है. सोमवार को प्रभात खबर द्वारा किये गये पड़ताल में सरकारी एवं निजी विद्यालय खुला पाया गया. निजी विद्यालय में काफी कम संख्या में छात्र-छात्राएं पहुंचे थे. वहीं सरकारी विद्यालय में शिक्षक मौजूद थे. जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या नगण्य देखी गयी. वहीं जिला मुख्यालय स्थित कॉलेज भी खुला पाया गया. जहां इंटर के छात्र-छात्राएं एडमिशन एवं फॉर्म भरने के लिये पहुंचे थे.

वहीं स्नातक प्रथम खंड में नामांकन के छात्र-छात्राएं भी ऑफलाइन अप्लाइ करने के लिये पहुंचे थे. लेकिन कॉलेज में कक्षा संचालित नहीं हो रही थी. बीएसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजीव कुमार ने बताया कि कॉलेज में कक्षा संचालित किये जाने को लेकर विश्वविद्यालय से कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुआ है. कॉलेज संबंधी शेष कार्य कार्यालय अवधि में किया जा रहा है. वहीं सुपौल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कक्षा संचालित किया जायेगा.

इसके लिये सूचना पट्ट पर सूचना चिपकाया गया है. प्रभात पड़ताल में पाया गया कि विद्यालय परिसर में दो से तीन फीट पानी जमा है. जिस कारण स्कूली बच्चों को विद्यालय आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा सोमवार को विद्यालय में बच्चों की संख्या नगण्य देखी गयी.

नियमित अंतराल पर छात्रों को हाथ धोना, स्कूलों में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन, स्कूल के प्रवेश द्वार पर हेंड सैनिटाइजर की व्यवस्था, छात्र-छात्राओं के लिए सप्ताह के छह दिन निर्धारित किये गये हैं. सोमवार-गुरुवार, मंगलवार-शुक्रवार, बुधवार-शनिवार के हिसाब से स्कूल आयेंगे. अगर छात्र-छात्रा स्कूल आते हैं तो उन्हें कोविड के नियमों का पालन करना होगा. जिन स्कूलों को कोरेंटिन सेंटर बनाया गया था, उन स्कूलों को सैनिटाइज किया जायेगा. शिक्षक हो या कर्मचारी या फिर छात्र-छात्रा, इनकी उपस्थिति बायोमैट्रिक के जरिये नहीं होगी.

posted by ashish jha

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