नेपाल से आने वाली खारो, जीता व तिलयुगा नदी का बढ़ा जलस्तर, धारा बदलने से किसानों की डूबी फसल

इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में थोड़ी सी बारिश भी भारतीय प्रभाग स्थित कुनौली, कमलपुर व डगमारा के किसानों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है. एक बार फिर नेपाल से भारतीय प्रभाग में बह कर आने वाली खारो, जीता व तिलयुगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण इलाके के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी है.

By Prabhat Khabar | September 24, 2020 4:06 AM

कुनौली (सुपौल) : इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में थोड़ी सी बारिश भी भारतीय प्रभाग स्थित कुनौली, कमलपुर व डगमारा के किसानों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है. एक बार फिर नेपाल से भारतीय प्रभाग में बह कर आने वाली खारो, जीता व तिलयुगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण इलाके के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी है. जिससे किसानों में नाराजगी व्याप्त है.

इन नदियों का बहाव भारतीय प्रभाग में केवल फसल ही नहीं डुबाया, बल्कि कुनौली भंसार के नो मेंस लैंड होकर सीधा उत्तर से दक्षिण की ओर भारतीय प्रभाग में बहने के लिए तीसरा मार्ग बना लिया है. जिस मार्ग से लगातार इन नदियों के पानी का बहाव कुनौली बाजार की ओर जारी है. जिससे लोग भयभीत और डरे हुए हैं. मालूम हो कि नेपाल की ये नदियां भारतीय प्रभाग में बहाव के लिए कुनौली में पूर्व में ही दो मार्ग बना चुकी है.

स्थानीय लोगों ने कुछ दिन पूर्व अपने स्तर पर चंदा इकट्ठा कर नो मेंस लैंड में लगे कटाव को रोकने की कोशिश की थी. लेकिन नदी की तेज धारा ने इसे भी बहा दिया. ग्रामीण व किसान इरफान अंसारी, राजकिशोर साह, विजय मंडल, रंजीत कुमार यादव, रविंद्र शर्मा आदि ने बताया कि नदियों के द्वारा भारतीय प्रभाग में नो मेंस लेंड होकर बनाया गया मार्ग काफी खतरनाक है.

अगर नो मेंस लैंड में लगे कटाव को नहीं रोका गया तो कुनौली बाजार के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी अपनी दस्तक दे सकता है. लोगों ने संबंधित विभाग से अविलंब साकारात्मक पहल करने की मांग की है. ताकि बाढ़ के तांडव से किसानों व आमलोगों का बचाव किया जा सके.

posted by ashish jha

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