Supaul: नाबालिग किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी को 10 वर्ष सश्रम कारावास
Supaul: नाबालिग किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आरोपित मो इसराइल साफी को दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनायी है.
Supaul: नाबालिग किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पाठक आलोक कौशिक की अदालत ने एक आरोपी प्रतापगंज थाने के तीनटोलिया निवासी मो इसराइल साफी को दोषी पाते हुए धारा 366 के तहत सात वर्ष सश्रम करावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 376 के तहत 09 वर्ष सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपये अर्थदंड एवं धारा-4 पॉक्सो अधिनियम के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है.
अर्थदंड नहीं देने पर ढाई वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दोषी को ढाई वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. अर्थदंड की कुल राशि एक लाख रुपये इस कांड की पीड़िता को दी जायेगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. पूर्व में आरोपी द्वारा कारा में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित की जायेगी. बताया गया कि इस संबंध में प्रतापगंज थाने में कांड संख्या 58/2015 दर्ज किया गया था. इसमें मो इसराइल साफी तथा अन्य सात पर नाबालिग किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने का आरोप था.
श्राद्ध कार्यक्रम से लौट रही नाबालिग का किया था अपहरण
पुलिस द्वारा 12 अक्टूबर, 2015 को पीड़िता को बरामद कर न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया था. इसमें उन्होंने बताया था कि गांव में एक श्राद्ध का भोज था. इसमें वह अकेले भोज खाने गयी थी. अधिक रात हो जाने के कारण करीब 09-10 बजे रात में बिना भोज खाये वह अपने घर वापस लौट रही थी. उसके बाद मो इसराइल व उनका पूरा परिवार मिल कर उसे अपने दरवाजे पर खींच ले गये और उसके नाक पर रूमाल रख कर उसे बेहोश कर दिया.
चाकू का भय दिखा कर करता था दुष्कर्म
होश आने पर इसराइल उसे मारता था और शादी करने कहता था. उसके बाद वह उसे एक गांव में ले गया. यहां कमरे में बंद कर चाकू का भय दिखा कर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता था. उसे बार-बार बेहोश करके रखा जाता था. होश आने पर उसे कहीं ले जा रहा था. उसी समय श्रीपुर पुल के पास पुलिस को देख उसने हल्ला किया, तब पुलिस द्वारा उसे बचा कर थाना लाया गया. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा अन्य सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में साढ़े छह लाख रुपये देने का आदेश
न्यायालय द्वारा पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में 06 लाख 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया गया है. वाद की सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी द्वारा सफल विचारण कराया गया. वहीं, एसपी डी अमरकेश के नेतृत्व में त्वरित विचारण कोषांग द्वारा छह गवाहों की ससमय गवाही करायी गयी. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया.