जल स्तर में उतार-चढ़ाव जारी

सावधान. हासा क्लोजर बांध पर कोसी बजा रही खतरे की घंटी कोसी नदी का जल स्तर हासा क्लोजर बांध पर खतरे की घंटी बजा रही है. पूर्वी तटबंध के भपटियाही से कोढ़ली तक कई जगहों पर रेनकट लग जाने के कारण स्थिति भयावह है. सुपौल : प्राचीन भारतीय साहित्यों में कोसी को कभी ऋषि विश्वामित्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2017 5:14 AM

सावधान. हासा क्लोजर बांध पर कोसी बजा रही खतरे की घंटी

कोसी नदी का जल स्तर हासा क्लोजर बांध पर खतरे की घंटी बजा रही है. पूर्वी तटबंध के भपटियाही से कोढ़ली तक कई जगहों पर रेनकट लग जाने के कारण स्थिति भयावह है.
सुपौल : प्राचीन भारतीय साहित्यों में कोसी को कभी ऋषि विश्वामित्र की बहन सत्यवती का परिवर्तित स्वरूप कहा गया है तो कहीं इसे शिव की पुत्री कहा गया है. अगर इसे सच मान लिया जाय तो महादेव की बेटी एक बार फिर तटबंध के बीच तांडव की ताक में है. नदी का जलस्तर हासा क्लोजर बांध पर खतरे की घंटी बजा रही है. पूर्वी तटबंध के भपटियाही से कोढ़ली तक कई जगहों पर रेनकट लग जाने के कारण स्थिति भयावह है. भारत-नेपाल से सटे होने के कारण इस पथ का काफी महत्व है.
जल्द ही जिम्मेदारों द्वारा इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले कल की कल्पना एक भयंकर व त्रासदी तसवीर पेश करती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर ध्यान नहीं देने पर भपटियाही से तटबंध के रास्ते नेपाल जाने का रास्ता बंद होने सकता है. इधर जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. कोसी बराज स्थल पर शुक्रवार को 12 बजे दिन में 89,950 क्यूसेक व बराह क्षेत्र में छह बजे शाम में 71 हजार क्यूसेक जलस्तर मापा गया. शनिवार को बराह क्षेत्र में दिन के 10 बजे 52,100 व बराज पर 12 बजे दिन में 80,265 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया है. जल विशेषज्ञ भगवान जी पाठक ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है, इस बार भी आयेगी. तटबंध के बीच बसे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
बलुवाही मिट्टी का प्रयोग के कारण पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है बंद
भपटियाही से कोढ़ली तक रेनकट के कारण स्थिति भयावह
भपटियाही से नेपाल का संपर्क हो सकता है भंग
मारक क्षमता के लिए विख्यात है कोसी
आने वाले कल की कल्पना भयंकर
प्रशासन के दावों को नहीं मिल रहा आधार
तटबंध के बीच बसे गांवों में हर साल बाढ़ आती है और लोगों के आशियाने उजर जाते हैं. बड़े पैमाने पर किसानों की फसल क्षति होती है. चारो ओर पानी से घिरे लोगों के सामने पीने के पानी का भी घोर संकट उत्पन्न हो जाता है. बता दें कि हर बार राहत के इंतजाम के बारे में दिलासा दिया जाता है, लेकिन जब कोसी फुफकार मारती है तो प्रशासन के दावों को आधार नहीं मिल पाता है.
हासा क्लोजर बांध से मुख्य बांध का कोई लेना-देना नहीं है. पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के साथ ही नेपाल प्रभाग के पूर्वी एफलक्स बांध व पश्चिमी तटबंध के सभी बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है. कई जगहों पर अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की गयी है. 15 जून के ही फ्लड सेल का गठन किया जा चुका है. मुख्य अभियंता कार्यालय से वायरलेस सेट के माध्यम से हर घंटे की जानकारी एकत्रित की जाती है. चतरा, राजाबास, हवा महल, सुपौल, सहरसा व निर्मली में वायरलेस सेट उपलब्ध है.
आयुष प्रकाश, सहायक अभियंता
पदस्थापित मुख्य अभियंता कार्यालय, वीरपुर

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