जिले में 22 माह से टीबी फोरम की बैठक नहीं

जिले में चल रहे टीबी चल रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभागीय उपेक्षा के कारण ठहर सा गया है. दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2025 तक टीबी मुक्त कार्यक्रम युद्धस्तर पर चलाया गया. सभी पंचायत में विशेष कार्यक्रम का आयोजन का टीबी मुक्त पंचायत बनाने का प्रयास हुआ तथा 2024 में 11 एवं 2025 में 83 पंचायत टीबी मुक्त घोषित किए गए.

By DEEPAK MISHRA | December 8, 2025 8:42 PM

प्रतिनिधि,सीवान. जिले में चल रहे टीबी चल रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभागीय उपेक्षा के कारण ठहर सा गया है. दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2025 तक टीबी मुक्त कार्यक्रम युद्धस्तर पर चलाया गया. सभी पंचायत में विशेष कार्यक्रम का आयोजन का टीबी मुक्त पंचायत बनाने का प्रयास हुआ तथा 2024 में 11 एवं 2025 में 83 पंचायत टीबी मुक्त घोषित किए गए. 2024 में टीबी मुक्त हुए पंचायत को पुरस्कृत तो किया गया लेकिन 2025 में टीबी मुक्त हुए पंचायत को आज तक पुरस्कृत नहीं किया गया. अभी अप्रैल महीने से टीवी मुक्त भारत कार्यक्रम तो चलाया जा रहा है लेकिन विभागीय उपेक्षा के कारण स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं की जा रही है. 2025 का अंतिम महीना चल रहा है. ऐसा लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग या तो कागज पर ही टीबी बीमारी का उन्मूलन कर दिया या हाथ खड़े कर दिए. टीबी मरीजों को नहीं मिल रही है निक्षय पोषण योजना की राशि जिला यक्ष्मा विभाग द्वारा लगभग दो महीने से करीब पांच हजार से अधिक टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत सहायता राशि की दूसरी किस्त नहीं दी जा रही है.दो महीने से टीबी के नए मरीजों को पहली किस्त भी नहीं दी जा रही है.निक्षय पोषण योजना का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों को उनके उपचार के दौरान कुपोषण से लड़ने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उपचार के परिणामों में सुधार हो सके, टीबी से होने वाली बीमारी और मृत्यु दर को कम किया जा सके, और मरीजों को स्वस्थ होने में मदद मिल सके.यह योजना सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करती है, जिससे उन्हें पौष्टिक भोजन खरीदने में मदद मिलती है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में निक्षय पोषण योजना मद में विभाग ने 1 करोड़ 38 लाख 67 हजार 344 रुपए खर्च करने का लिमिट दिया था. दौ महीने पहले तक जिला यक्ष्मा विभाग ने लगभग 4600 टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना की राशि पहली किस्त डीबीटी के माध्यम से भेज दिया. नियमानुसार 84 दिन बाद टीबी मरीजों को दूसरी किस्त मिल जानी चाहिए. लेकिन फंड के अभाव के साथ-साथ विभाग द्वारा राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया पीएफएमएस को ही बंद कर दिया. मरीज के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों के भी मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है.बताया जाता है कि विभाग ने एक नया पोर्टल एसएनए लांच किया है,जिससे भुगतान किया जाना है. जिले में टीबी उन्मूलन अभियान की गति धीमी पड़ती दिख रही है. कारण यह है कि पिछले लगभग 22 माह से जिला टीबी फोरम की एक भी बैठक नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार हर छह महीने में कम से कम एक बैठक अनिवार्य है, लेकिन 2021 में गठन के बाद अब तक सिर्फ तीन बैठकें ही आयोजित हुई हैं. बैठक न होने से विभागीय समन्वय में कमी आई है और टीबी मरीजों की समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है. टीबी फोरम का उद्देश्य समुदाय की सहभागिता बढ़ाकर मरीजों की आवाज़ को नीतिगत स्तर तक पहुंचाना है.साथ ही यह फोरम उपचार में आने वाली बाधाओं, सेवाओं की गुणवत्ता और कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करने के साथ विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद स्थापित करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्या कहते है जिम्मेदार विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना के मद में जितना लिमिट दिया गया था,मरीजों को पहली किस्त के रूप में दे दिया गया.दूसरी किस्त के लिए विभाग से राशि की मांग की गई है.जांच अभियान चल रहें है.फोरम की बैठक एवं पंचायतों को पुरस्कृत करने के लिए वरीय पदाधिकारियों के पास फाइल भेजी गई है. डॉ अशोक कुमार,जिला संचारी रोग पदाधिकारी,सीवान

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