RJD के नेता शहाबुद्दीन को सशर्त पैरोल, तीन दिन 6-6 घंटे मिलेंगे परिजनों से

Bahubali Politician Mohammad Shahabuddin Get Custody Parole From Delhi High Court तिहाड़ जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बाहुबली नेता रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार के सीवान जिले में दो भाइयों की तेजाब से नहला कर हत्या के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन को छह घंटे की सशर्त ‘कस्टडी पैरोल’की अनुमति दे दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2020 6:06 AM

Bahubali Politician Mohammad Shahabuddin Get Custody Parole From Delhi High Court तिहाड़ जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बाहुबली नेता रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार के सीवान जिले में दो भाइयों की तेजाब से नहला कर हत्या के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन को छह घंटे की सशर्त ‘कस्टडी पैरोल’की अनुमति दे दी है.

न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को किसी भी तीन दिन में छह-छह घंटे की कस्टडी पैरोल की अनुमति देते हुए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिये है. साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि कस्टडी पैरोल के लिए शहाबुद्दीन को मुलाकात के लिए दिल्ली में ही एक स्थान की जानकारी पहले ही जेल अधीक्षक को देनी होगा. इतना ही नहीं, उक्त स्थान का सत्यापन करने के साथ ही राज्य पुलिस वहां पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करेगी.

गैंगस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन ने सीवान जाने के लिए 19 सितंबर को पिता की मौत होने और मां के बीमार होने के आधार पर कस्टडी पैरोल की मांग की थी. शहाबुद्दीन अपनी मां के अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए कहा था कि वह उनके साथ समय बिताना चाहते है.

पीठ ने कहा, शहाबुद्दीन तीस दिन के भीतर इच्छानुसार कोई भी तीन तारीख चुन सकते है और उसे सुबह छह बजे से शाम चार बजे के बीच छह घंटे के लिए मुलाकात करने की अनुमति होगी. इन छह घंटों में यात्रा समय भी शामिल होगा.

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि शहाबुद्दीन इस दौरान अपनी मां, पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के अलावा किसी से भी मुलाकात नहीं कर सकेगा. इससे पहले सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एजे भंभानी ने कहा था, अदालत कैदी को परिवार में शोक जैसी स्थिति में कस्टडी पैरोल देने पर विचार कर सकती है. लेकिन, यहां मुद्दा यह है कि बिहार और दिल्ली सरकार दोनों सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं.

सीवान में दो भाइयों को तेजाब से नहला कर निर्मम हत्‍या के मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन पर हत्‍या व अपहरण सहित दर्जनों संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन को साल 2018 में बिहार की सीवान जेल से दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में स्‍थानांतरित किया गया था.

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