15 वर्षों से अवैध रूप से चल रहा सरकारी ब्लड बैंक

सीवान : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक लगभग 15 वर्षों से अवैध रूप से चल रहा है. इससे ब्लड डोनेट करनेवाले मरीजों को सीवान के अलावा पटना सहित अन्य शहरों में खून नहीं मिल पा रहा है क्योंकि ब्लड बैंक के पास अपना लाइसेंस नहीं है. 2001 में मानक पूरा नहीं होने पर ब्लड बैंक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 14, 2016 3:46 AM

सीवान : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक लगभग 15 वर्षों से अवैध रूप से चल रहा है. इससे ब्लड डोनेट करनेवाले मरीजों को सीवान के अलावा पटना सहित अन्य शहरों में खून नहीं मिल पा रहा है क्योंकि ब्लड बैंक के पास अपना लाइसेंस नहीं है. 2001 में मानक पूरा नहीं होने पर ब्लड बैंक का लाइसेंस निलंबित हो गया था. इसके बाद से ब्लड बैंक बिना लाइसेंस का संचालित हो रहा है. यही नहीं, ब्लड बैंक में उपकरणों का भारी कमी है.

वहीं, इसके पास जगह भी काफी कम है. इससे डोनेट करने आये लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक वर्ष पूर्व आयी केंद्रीय टीम ने निरीक्षण में निर्धारित मानकों को नहीं पाया था. इसके बाद लाइसेंस का नवीकरण नहीं हो पाया. अब जब से रेडक्रॉस के नये सचिव का चुनाव हुआ है. उसके बाद नये सचिव ने ब्लड बैंक के लाइसेंस के लिए कई बार विभाग को पत्र लिखा है.

नहीं हैं नियमित डॉक्टर : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक के पास अब भी नियमित डॉक्टर नहीं हैं. इससे ब्लड डोनेट करनेवाले लोगों को काफी परेशानी होती है. यह भी लाइसेंस नहीं होने का एक कारण है. मानक में नियमित डॉक्टर भी रखना शामिल है. विभागीय से मिली जानकारी के अनुसार, नियमित डॉक्टर नहीं होने से ब्लड निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह पद काफी दिनों से रिक्त पड़ा हुआ है.
उपकरणों की है भारी कमी : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में उपकरणों की भारी कमी है. जहां फ्रीजर की भी कमी है. अभी एक ही फ्रीजर काम कर रहा है. यह ही नहीं, ब्लड निकालने के लिए टेबुल, ब्लड जांच करने के लिए किट, टेबल, रूम सहित अन्य सामान की भारी कमी है. इसको लेकर विभाग को ब्लड बैंक के अधिकारियों द्वारा पत्र लिखा गया. लेकिन, आज तक पूरा नहीं हो सका.
सरकार से भी नहीं मिलती है सहायता : रेड क्रॉस के अधिकारियों की मानें, तो अगर सरकार से सहायता मिले, तो ब्लड बैंक के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आयेगी. सहायता नहीं मिलने से उपकरणों की खरीदारी नहीं हो पाती है. अगर वित्तीय सहायता मिले, तो ब्लड बैंक के संचालन में काफी सुधार आयेगा.
क्या कहते हैं सचिव
ब्लड बैंक के लाइसेंस के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है. जल्द ही लाइसेंस की शर्तों के लिए सभी उपकरणों की खरीदारी कर ली जायेगी ताकि लाइसेंस मिल सके.
रत्नेश प्रसाद सिंह, सचिव, रेड क्रॉस सोसाइटी
मानक पूरा नहीं होने पर वर्ष 2001 में लाइसेंस हुआ निलंबित
ब्लड बैंक में है उपकरणों की भारी कमी
एक वर्ष पूर्व केंद्रीय टीम को निरीक्षण में नहीं मिला निर्धारित मानक

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