फीस जमा नहीं करने पर प्रधानाचार्य ने छात्र को पीटा, शिक्षक पिता ने वेतन मिलने के बाद कही थी फीस देने की बात

सीवान:बिहारमें सीवान जिले के एक प्रतिष्ठित सीबीएसई मान्यता प्राप्तस्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र द्वारा फरवरी माह तक एकमुश्त फीस नहीं दिये जाने पर प्रधानाचार्य द्वारा छात्र की पिटाई कर दी गयी. रोते बिलखते छात्र घर पहुंचा तथा अपने माता पिता को घटना की जानकारी दी. इसी विद्यालय के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने सोशल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 11, 2019 8:15 PM

सीवान:बिहारमें सीवान जिले के एक प्रतिष्ठित सीबीएसई मान्यता प्राप्तस्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र द्वारा फरवरी माह तक एकमुश्त फीस नहीं दिये जाने पर प्रधानाचार्य द्वारा छात्र की पिटाई कर दी गयी. रोते बिलखते छात्र घर पहुंचा तथा अपने माता पिता को घटना की जानकारी दी. इसी विद्यालय के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने सोशल मीडिया फेसबुक पर जिलाधिकारी के नाम से विद्यालय के खिलाफ पोस्ट किया है. इसमें अभिभावकों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि विद्यालय प्रशासन द्वारा मार्च 2020 तक एकमुश्त फीस मांगा जा रहा है. ऐसा नहीं करने पर परीक्षा से वंचित करने की धमकी दी जा रही है.

घटना के संबंध में छात्र के पिता ने पहले तो नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने का मन बनाया. लेकिन, छात्र द्वारा जब यह बताया गया कि ऐसा करने पर स्कूल द्वारा उसे 10वीं की बोर्ड परीक्षा से विद्यालय द्वारा वंचित करने की धमकी दी गयी है. इसके बाद छात्र के पिता ने एफआईआर दर्ज नहीं कराया. छात्र के पिता ने बताया कि वे सरकारी स्कूल में नियोजित शिक्षक हैं तथा जुलाई माह से वेतन नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद उन्होंने पिछले महीने 7 हजार रुपया बकाया जमा किया तथा प्रधानाचार्य से वेतन मिलने के बाद बच्चे का फीस फरवरी माह तक जमा करने का आश्वासन दिया.

उन्होंने प्रधानाचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे आश्वासन के बावजूद प्रधानाचार्य द्वारा मेरे पुत्र की पिटाई कर अपमानित किया गया. उन्होंने बताया कि मुझे शंका है कि विद्यालय प्रशासन मेरे बेटे को परीक्षा से वंचित कर उसका भविष्य खराब कर सकता है. इसलिए थाने में एफआईआर दर्ज नहीं कराया हूं. संबंधित स्कूल के प्राचार्य से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा का फॉर्म भरने के लिए नोड्यूज कराना अनिवार्य है. इसके लिए मार्च 2020 तक फीस देना जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति को परेशानी है तो वह आवेदन दे. उसकी फीस दो किस्तों में ही जाएगी. छात्र को फीस के लिए मारने की बात को उन्होंने गलत ठहराया.

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